
नई दिल्ली, 21 जून 2025
लम्बे समय से जारी ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब गंभीर स्तर पर पहुंच गया है। लगातार दोनों देशों के बीच बढ़ते हमले और जानमाल की हानि दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा रही है। अब इसी को लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने प्रतिक्रिया दी है।
सोनिया ने कहा कि इस महीने की 13 तारीख को ईरान पर इजरायल का हमला अवैध था और ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन था। दोनों देशों के बीच ड्रोन हमलों और मिसाइल हमलों ने मध्य पूर्व में खतरनाक तनाव पैदा कर दिया है, जो अंततः युद्ध की ओर ले गया। कांग्रेस ने ईरानी धरती पर बमबारी और ईरान में प्रमुख हस्तियों की लक्षित हत्याओं की निंदा की।
सोनिया ने कहा कि गाजा पर इजरायल के हमले क्रूर थे। इजरायल के हमले ऐसे समय में हुए हैं जब ईरान और अमेरिका के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं। सोनिया ने कहा कि नेतन्याहू की हरकतों की वजह से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 1995 में होने वाला शांति समझौता रुक गया। इसी तरह सोनिया ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि ट्रंप अब वही गलती ईरान में दोहरा रहे हैं जो उन्होंने इराक में की थी।
सोनिया ने कहा कि भारत को इन हमलों के बारे में चुप रहना चाहिए क्योंकि भारत के ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं। हाल के वर्षों में भारत ने इजरायल के साथ रक्षा, व्यापार और खुफिया संबंधों को मजबूत किया है। सोनिया ने यह भी कहा कि भारत का ईरान के लोगों के साथ एक मजबूत ऐतिहासिक रिश्ता है। उन्होंने याद दिलाया कि ईरान एक पुराना दोस्त है और 1994 में कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा था। उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान ईरानी नेता भारत के साथ खड़े हैं।
उन्होंने कहा कि गाजा पर इजरायली हमलों में 55,000 लोगों की जान चली गई। वहां सद्भाव है। सोनिया ने भारत से क्षेत्र में अपनी कूटनीतिक भूमिका की पुष्टि करने का आग्रह किया। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को तनाव कम करने के लिए संवाद को बढ़ावा देने के लिए स्पष्ट रूप से बोलना चाहिए और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपनी सैद्धांतिक प्रतिबद्धता को लगभग त्याग दिया है। हालांकि, उन्होंने अपील की कि अभी भी बहुत देर नहीं हुई है।