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भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने नौ साल बाद रचा इतिहास, अर्जेंटीना को हराकर जीता ब्रॉन्ज मेडल

भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने शानदार वापसी करते हुए अर्जेंटीना को 4-2 से हराया और नौ साल बाद जूनियर विश्व कप में पदक जीता। आखिरी 11 मिनट में लगातार चार गोल दागकर टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया

खेल डेस्क, 11 दिसंबर 2025 :

भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) पुरुष जूनियर विश्व कप में अर्जेंटीना को 4-2 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। यह जीत भारत के लिए खास इसलिए भी है क्योंकि टीम को जूनियर विश्व कप में नौ साल बाद कोई पदक हासिल हुआ है। इससे पहले भारत ने 2016 में लखनऊ में खिताब जीता था, लेकिन पिछले दो सीजन में टीम पोडियम पर जगह नहीं बना सकी थी।

पहले दो क्वार्टर में दबाव में रही टीम इंडिया

मुकाबले की शुरुआत अर्जेंटीना के मजबूत खेल से हुई। पहले दो क्वार्टर में दक्षिण अमेरिकी टीम का दबदबा साफ दिखाई दिया और भारतीय खिलाड़ी गोल करने के लिए संघर्ष करते नजर आए। अर्जेंटीना ने तीसरे और 44वें मिनट में निकोलस रोड्रिग्ज और सांतियागो फर्नांदेज की मदद से दो गोल दागकर भारत पर बढ़त बना ली।

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आखिरी क्वार्टर में टीम इंडिया का जबरदस्त कमबैक

लेकिन भारत की वापसी चौथे क्वार्टर में शुरू हुई। 49वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को अंकित पाल ने गोल में बदलकर टीम का खाता खोला। इसके बाद 52वें मिनट में अनमोल के शॉट पर गेंद मनमीत सिंह की स्टिक से लगकर गोल में चली गई और स्कोर 2-2 हो गया। मैच के रोमांच के बीच 57वें मिनट में भारत को अहम पेनल्टी स्ट्रोक मिला, जिसे शारदा नंद तिवारी ने गोल में बदलकर टीम को पहली बार बढ़त दिलाई।

4-2 की धमाकेदार जीत के साथ भारत ने रचा इतिहास

अर्जेंटीना ने तुरंत वापसी करने की कोशिश की और अगले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया, लेकिन भारतीय गोलकीपर प्रिंसदीप सिंह ने शानदार बचाव कर टीम की बढ़त बरकरार रखी। 58वें मिनट में भारत को मिला पेनल्टी कॉर्नर अनमोल एक्का ने गोल में बदल दिया और भारत ने 4-2 से मुकाबला अपने नाम किया। आखिरी 11 मिनट में किए गए चार गोल ने मैदान पर बैठे दर्शकों को रोमांच से भर दिया।

नौ साल बाद पोडियम पर जूनियर हॉकी में भारत

भारत इससे पहले 2001 और 2016 में इस टूर्नामेंट का खिताब जीत चुका है। हालांकि पिछली दो बार टीम कांस्य पदक मैच हारकर चौथे स्थान पर रही थी। इस जीत के साथ भारतीय जूनियर टीम ने एक बार फिर साबित किया कि कठिन परिस्थितियों में भी वह किसी भी मैच को पलटने की क्षमता रखती है।

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