श्रीनगर, 22 मई 2025
ऑपरेशन सिंदूर के तहत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ जारी कार्यवाही में भारतीय सेना ने बुधवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) व्दारा चलाए जा रहे अभियान में जम्मू सीमा पर पांच पाकिस्तानी चौकियों और एक आतंकवादी लांच पैड को नष्ट कर दिया। मामले में जानाकारी देते हुए बीएसएफ कमांडेंट चंद्रेश सोना ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमने (पाकिस्तान द्वारा) की गई गोलीबारी का कड़ा और उचित जवाब दिया।
हमने उनकी कई उपलब्ध संपत्तियों को नष्ट कर दिया। मस्तपुर में उनका एक आतंकवादी लांचिंग पैड था, जिसे हमने नष्ट कर दिया। हमारी कार्रवाई के कारण उनकी पांच चौकियां पूरी तरह से नष्ट हो गईं और हमने उनके कई बंकर भी नष्ट कर दिए।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान लगातार व्यवस्थित तरीके से नागरिक इलाकों और भारतीय प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहा है।उन्होंने कहा, “10 तारीख को पाकिस्तान ने हमारी चौकियों, ड्यूटी प्वाइंटों और गांवों को निशाना बनाया। उन्होंने 61 एमएम और 82 एमएम मोर्टार का इस्तेमाल करते हुए भारी गोलाबारी की।” उन्होंने कहा, “हमारा सामना पाकिस्तानी सेना से था, जो पाकिस्तानी रेंजर्स के साथ मिलकर लड़ रही थी। हमने पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स दोनों को भारी नुकसान पहुंचाया।”
सोना ने बताया कि गोलीबारी बंद होने के बाद भी कई घंटों तक एंबुलेंस घायलों को चौकियों से अस्पताल ले जाती रहीं। अधिकारी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला सीमा रक्षकों की भूमिका की प्रशंसा की और कहा, “हर बीएसएफ बटालियन में महिला कांस्टेबल शामिल हैं। उन्होंने घर जाने या यहां तक कि बटालियन मुख्यालय लौटने से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेंगी और पाकिस्तान को जवाब देंगी।” उन्होंने कहा, “एक महिला कांस्टेबल ने अपने बच्चे को उसके परिवार को सौंप दिया और अग्रिम मोर्चे पर मोर्चा संभाल लिया।”
लगभग दो सप्ताह पहले ऑपरेशन सिंदूर के बाद पुंछ सेक्टर में तनाव बढ़ गया था और गोलाबारी शुरू हो गई थी, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को नष्ट कर दिया गया था। यह अभियान 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप शुरू किया गया था जिसमें 26 नागरिकों की जान चली गई थी। जम्मू क्षेत्र में – विशेष रूप से पुंछ में – तोपखाने की गोलाबारी, मिसाइल और ड्रोन हमलों में 8 से 10 मई के बीच 27 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए। हजारों लोग नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों से अपने घर छोड़कर सरकारी राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।