
लंदन, 5 अगस्त 2025:
भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में खेले गए पांचवें और निर्णायक टेस्ट मैच में जीत दर्ज कर पांच मैचों की श्रृंखला को 2-2 से ड्रा करा लिया। शुभमन गिल के नेतृत्व में भारतीय टीम ने न केवल एक हारी हुई बाज़ी को पलटा बल्कि एक ऐसा प्रदर्शन किया जो क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में लंबे समय तक बसा रहेगा। यह जीत न केवल दुनिया के लिए एक संदेश है, बल्कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए भी आत्मनिरीक्षण का अवसर है।
ओवल टेस्ट में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को रोमांचक मुकाबले में 6 रनों से हराया। चौथे दिन जहां मोहम्मद सिराज एक आसान कैच छोड़कर आलोचनाओं के केंद्र में आ गए थे, वहीं पांचवें दिन उन्होंने इंग्लैंड के 4 में से 3 विकेट झटककर टीम को जीत दिलाई और खुद को हीरो साबित कर दिया।
मोहम्मद सिराज ने सीरीज में सबसे ज्यादा 23 विकेट लिए और दिखा दिया कि वर्कलोड मैनेजमेंट की बहस से परे जाकर भी एक खिलाड़ी पूरी सीरीज खेल सकता है। उन्होंने पांचों टेस्ट में हिस्सा लिया, 1100 से अधिक गेंदें फेंकी और हर मैच में वही जोश दिखाया, जो पहले दिन था। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में उनके जैसे समर्पण और जुनून को देख यह सवाल उठता है कि क्या वाकई कुछ स्टार खिलाड़ी खुद को टीम से बड़ा मानने लगे हैं?
शृंखला में ऋषभ पंत की चोट के बावजूद बल्लेबाजी और इंग्लैंड के क्रिस वोक्स का टूटा कंधा लेकर मैदान में उतरना यह साबित करता है कि टेस्ट क्रिकेट आज भी खिलाड़ियों के समर्पण की परीक्षा लेता है। इस सीरीज ने एक बार फिर दिखा दिया कि असली क्रिकेट टेस्ट ही है, और भारत जैसे देशों में इसके लिए अब भी दीवानगी कायम है।
ओवल में मिली यह जीत भारतीय खिलाड़ियों को यह संदेश देती है कि टीम भावना और आत्मबल ही असली ताकत है – न कि केवल सितारा रुतबा।