कोलकाता, 23 मई 2025
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हाल ही में एक बड़ी उपल्बधि हासिल की है। इसरो ने साल 2025 को गगनयान वर्ष घोषित किया है साथ ही इसरो प्रमुख वी नारायणन ने कहा कि हमने अब तक 7200 परीक्षण पूरे कर लिए है और 3000 परीक्षणों में काम किया जा रहा है। दिसंबर 2018 में स्वीकृत गगनयान कार्यक्रम में पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) तक मानव अंतरिक्ष उड़ान और दीर्घकालिक भारतीय मानव अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयास के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकियों की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए वी नारायणन ने गुरुवार को कहा, कि “यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है। हमने इसे गगनयान वर्ष घोषित किया है। मनुष्यों को भेजने से पहले, हमने तीन मानवरहित मिशनों की योजना बनाई है और इस वर्ष पहला मानवरहित मिशन योजनाबद्ध है… आज तक, 7200 से अधिक परीक्षण पूरे हो चुके हैं और लगभग 3000 परीक्षण लंबित हैं, 24 घंटे काम चल रहा है।”
वी नारायणन ने स्पैडेक्स मिशन के पूरा होने पर अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस मिशन को पूरा करने के लिए इसरो ने “दस किलो ईंधन का प्रबंध किया।” उन्होंने आगे बताया कि 2025 में कई मिशनों की योजना बनाई गई है, जिसमें नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार उपग्रह भी शामिल है, जिसे भारत के अपने प्रक्षेपण यान द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “आज हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि स्पैडेक्स मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस मिशन को पूरा करने के लिए हमें दस किलो ईंधन की जरूरत थी, लेकिन हमने इसे आधे ईंधन से ही पूरा कर लिया और बाकी ईंधन उपलब्ध है। आने वाले महीनों में आप सुनेंगे कि बहुत सारे प्रयोगों की योजना बनाई गई है… इस साल कई महत्वपूर्ण मिशनों की योजना बनाई गई है और इसमें नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार उपग्रह शामिल है, जिसे हमारे अपने प्रक्षेपण यान से प्रक्षेपित किया जाएगा। इसके अलावा, हमारे पास वाणिज्यिक मिशन और वाणिज्यिक पहलुओं के लिए एक संचार उपग्रह भी होगा, जिसे हम प्रक्षेपित करने जा रहे हैं।”
इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, स्पैडेक्स मिशन एक लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन है, जो अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शन करने के लिए पीएसएलवी द्वारा प्रक्षेपित दो छोटे अंतरिक्ष यान का उपयोग करता है।
इसरो प्रमुख ने कहा कि दिसंबर 2025 तक इसरो द्वारा पहला मानव रहित मिशन लॉन्च किया जाएगा, जिसे “व्योममित्र” कहा जाएगा, उसके बाद दो मानव रहित मिशन लॉन्च किए जाएंगे। इसके विपरीत, संगठन ने 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखा है।
वी नारायणन ने संवाददाताओं से कहा, “इस वर्ष दिसंबर तक पहला मानवरहित मिशन होगा, उसके बाद दो मानवरहित मिशन होंगे और हम 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान का लक्ष्य बना रहे हैं। वास्तव में, इस वर्ष लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धारित है। ‘व्योममित्र’ नामक रोबोट के साथ पहला मानवरहित मिशन इस वर्ष के अंत तक प्रक्षेपित किया जाएगा।”