लखनऊ, 10 नवंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ की जेल में बंद हाईप्रोफाइल ठग अनुभव मित्तल से जुड़े एक हैरान करने वाले मामले में पुलिस ने सिपाही अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर आरोप है कि जेल में बंद अनुभव मित्तल को मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की सुविधा दी थी।
हालांकि, जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ उनमें सात साल से कम सजा का प्रावधान है। इस आधार पर सिपाही अजय कुमार को कुछ ही घंटों में कोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस विभाग ने उसका निलंबन प्रस्तावित कर रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी है। अब उसके खिलाफ विभागीय जांच हो रही है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक आरोपी सिपाही को जांच में सहयोग के लिए नोटिस जारी किया गया है। जांच से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि 4 नवंबर को पुलिस लाइन में तैनात सिपाही अजय कुमार जेल में बंद अनुभव मित्तल को पेशी पर कोर्ट लेकर गया था।
पेशी के दौरान मित्तल ने केस की स्थिति जानने के बहाने अजय कुमार का मोबाइल फोन मांगा। इसी दौरान उसने फोन में एक ईमेल आईडी बनाई और उससे अगले दिन हाईकोर्ट के न्यायाधीश को एक धमकी भरा ईमेल भेजा।
उस ईमेल में एक जज की हत्या की साजिश का जिक्र था, जिससे हड़कंप मच गया।
जांच में पता चला कि यह ईमेल ठाकुरगंज निवासी आनंदेश्वर अग्रहरि को फंसाने के लिए भेजा गया था। वह अपनी पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद है। अनुभव मित्तल की पत्नी आयुषी मित्तल भी लखनऊ जिला जेल में बंद है। उसके साथ आनंदेश्वर ने कथित रूप से दुर्व्यवहार किया था।
इसी का बदला लेने के लिए अनुभव मित्तल ने ईमेल के जरिए आनंदेश्वर को हत्या की साजिश में फंसाने की कोशिश की। इस सनसनीखेज साजिश का पर्दाफाश होने के बाद जेल चौकी प्रभारी अरविंद कुमार की ओर से गोसाईंगंज थाने में अनुभव मित्तल और सिपाही अजय कुमार के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।






