जम्मू, 18 अगस्त 2025
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में फिर से बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। अधिकारियों ने रविवार को एक बयान में कहा कि इस दुर्घटना में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। हाल ही में किश्तवाड़ में बादल फटने से सीआरपीएफ के दो जवानों समेत 60 लोगों की जान चली गई है।
कई और लापता बताए जा रहे हैं। रविवार आधी रात के बाद जोधघाटी में बाढ़ के कारण पांच लोगों की मौत हो गई और जंगलोट में भूस्खलन में दो और लोगों की जान चली गई। जोधघाटी के पास भूस्खलन के बाद एक परिवार मलबे में फंस गया। बादल फटने से जोधघाटी गांव में यातायात ठप हो गया और भारी नुकसान हुआ है। इस संबंध में सूचना मिलने पर नागरिक प्रशासन के अधिकारी, सैन्य और अर्धसैनिक बल तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान चलाया।
कठुआ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। घटना के बारे में बात करते हुए, उधमपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि इलाके में रेलवे ट्रैक, एनएच-44 और एक पुलिस स्टेशन भी क्षतिग्रस्त हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने अधिकारियों और कठुआ के एसपी शोभित सक्सेना से बात की है और उन्हें जोधघाटी गाँव में बचाव अभियान जारी रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित कठुआ जिले के लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने और राहत एवं बचाव के उपाय करने के निर्देश दिए हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि आवश्यक सहायता प्रदान की जाएगी। दूसरी ओर, बादल फटने के बाद, कठुआ प्रशासन ने मौसम संबंधी महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं। पूरे जिले में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है। लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।