
किश्तवाड़, 17 अगस्त 2025
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चोसिटी इलाके में गुरुवार को बादल फटने से आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या 60 पहुँच गई है। शनिवार (16 अगस्त) को तीसरे दिन भी बचाव अभियान ज़ोरों पर जारी है। अब तक मृतकों में 21 शवों की पहचान हो चुकी है। मृतकों में दो सीआईएसएफ जवान भी शामिल हैं। 300 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 73 लोग अभी भी लापता हैं और उनका पता नहीं चल पाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने घटना की जानकारी ली है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात करके स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने उनसे राहत कार्यों में तेज़ी लाने को कहा।
दूसरी ओर, किश्तवाड़ में भारी बाढ़ से बचे पीड़ितों ने बादल फटने की भयावहता को याद किया। अचानक बम फटने जैसी आवाज़ आई। “भागो, भागो” की आवाज़ें गूंज उठीं। घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए और धारा में बह गए। मैं भाग रहा था, तभी मलबा मुझ पर गिरा और मैं फँस गया। एक बिजली का खंभा मेरे ऊपर गिर गया। मैंने अपनी बेटी को बुलाया। उसने मुझे वहाँ से निकाला, प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ितों ने बताया।
एक अन्य पीड़ित ने रोते हुए कहा, “कई लोग मारे गए। कई लोग घायल हुए। मैं खुद पानी के बहाव में फंस गया था। एक पुलिसकर्मी ने मेरी मदद की और मुझे अस्पताल पहुंचाया। मेरी बहन अब लापता है।”
बादल फटने के समय किश्तवाड़ा में मौजूद एक पीड़ित ने कहा, “हम उड़ गए और कार के नीचे फंस गए। मेरी माँ एक बिजली के खंभे के नीचे गिर गईं। सेना और सीआरपीएफ के जवान मौके पर पहुँचे और हमें बचाया।”
किश्तवाड़ जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. युद्धवीर सिंह कोतवाल ने कहा, “अभी तक हम 88 घायलों का इलाज कर रहे हैं। 36 को जम्मू के जीएमसी रेफर किया गया है। अस्पताल लाए गए दो शवों की पहचान अभी नहीं हो पाई है।”






