झांसी, 18 दिसंबर 2025:
यूपी सरकार की किसान हितैषी नीतियों को जमीन पर उतारने में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) अहम भूमिका निभा रहे हैं। झांसी के भरारी में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों को उन्नत खेती के लिए जागरूक करने के साथ उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक भी निशुल्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और खेती को लाभकारी बनाना है।
कृषि विज्ञान केंद्र झांसी द्वारा गोद लिए गए दस गांवों के चयनित किसानों को विशेष रूप से उन्नत खेती की दिशा में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन किसानों को केंद्र में आमंत्रित कर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा नई तकनीकों, फसल प्रबंधन और अधिक उत्पादन के तरीकों की जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हें लगातार मार्गदर्शन भी प्रदान किया जा रहा है जिससे वे वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर बेहतर परिणाम हासिल कर सकें।

इस पहल के तहत किसानों को गेहूं की नई और उन्नत प्रजाति ‘करनवंदना’ के बीज वितरित किए गए हैं। यह किस्म परंपरागत गेहूं की तुलना में अधिक पैदावार देने वाली मानी जाती है। इसके अलावा सरसों की उन्नत नस्ल ‘राधिका’ के बीज भी किसानों को दिए गए हैं। इसमें शाखाएं अधिक विकसित होती हैं जिससे उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।
सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा फूलगोभी की उन्नत किस्म के तैयार पौधे भी उपलब्ध कराए गए हैं। इन पौधों को केंद्र परिसर में वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया गया है जिससे किसानों को अच्छी गुणवत्ता की पौध प्राप्त हो सके। साथ ही किसानों को बोरान उर्वरक भी दिया गया है। ये मिट्टी की उर्वरा क्षमता बढ़ाने और फसलों के बेहतर विकास में सहायक होता है।
कृषि विज्ञान केंद्र झांसी के वैज्ञानिक डॉ. आदित्य कुमार सिंह ने बताया कि किसानों को केवल संसाधन देने के साथ उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों की पूरी जानकारी और निरंतर तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक तरीकों को अपनाकर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बना सकते हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र की यह पहल झांसी के किसानों के लिए खेती को नई दिशा देने वाली साबित हो रही है। इससे आने वाले समय में क्षेत्र की कृषि और किसान दोनों समृद्ध होंगे।






