
नई दिल्ली/वॉशिंगटन, 8 अगस्त 2025 –
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर घोषित 25% टैरिफ लागू होने में अब केवल 19 दिन बचे हैं। यह टैरिफ रूस से तेल आयात जारी रखने के चलते लगाया जा रहा है और 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
इस फैसले से भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में तनाव पैदा हो गया है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत जैसे देश जो रूस से रियायती दरों पर तेल खरीदना जारी रखते हैं, वे अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक दबाव को कमजोर कर रहे हैं।
हालांकि भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि कूटनीतिक चैनल्स के ज़रिए बातचीत की कोशिश की जा रही है ताकि टैरिफ टालने या नरम करने की संभावना तलाशी जा सके।
टैरिफ से क्या होगा असर?
यह टैरिफ मुख्य रूप से भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात जैसे स्टील, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स और कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स पर लागू हो सकता है। इसका सीधा असर भारतीय निर्यातकों पर पड़ेगा और यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नया सिरदर्द बन सकता है।
रूस से सस्ता तेल खरीदना बना कारण
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रूस से कच्चा तेल बड़ी मात्रा में आयात किया है। अमेरिका का मानना है कि इससे रूस को आर्थिक संबल मिल रहा है।
क्या ट्रंप झुकेंगे?
हाल के बयानों से स्पष्ट है कि ट्रंप इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने कहा है कि “भारत और चीन जैसे देश अमेरिका से व्यापार तो करते हैं लेकिन रूस से सस्ते तेल से अपनी अर्थव्यवस्था मजबूत करते हैं। ये अब नहीं चलेगा।”
हालांकि कूटनीतिक जानकारों का मानना है कि ट्रंप इस मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार हो सकते हैं, खासकर अगर भारत रूस से तेल आयात कम करने के संकेत देता है।
अब सभी की निगाहें 27 अगस्त पर टिकी हैं, जब यह टैरिफ औपचारिक रूप से लागू होगा या कूटनीतिक बातचीत से कोई नया रास्ता निकल सकता है।






