अंशुल मौर्य
वाराणसी, 30 मार्च 2025:
यूपी की शिव नगरी काशी में हिन्दू नववर्ष व चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ पर धार्मिक कार्यक्रम और उससे जुड़ी आस्था उत्सव के रूप में नजर आई। गंगा के तटों पर शंखनाद की गूंज के साथ नव संवत्सर के सूर्योदय का स्वागत किया गया। वहीं काशी विश्नाथ धाम में सप्तशती का पाठ किया गया।
नववर्ष पर अर्चकों ने गंगा आरती कर सूर्य देव को दिया दूध से अर्ध्य
हिन्दू नववर्ष पर गंगा आरती कर गंगा घाटों पर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं गईं। गंगा घाटों पर पहुंचे विदेशी पर्यटकों ने भी आरती में हिस्सा लिया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गंगा समग्र की ओर से अस्सी घाट पर मां गंगा का विशेष पूजन किया गया। गंगोत्री सेवा समिति और नमामि गंगे ने नव संवत्सर के स्वागत में मां गंगा की भव्य आरती की। इस दौरान भगवान सूर्य को दूध से अर्घ्य अर्पित किया गया और मां गंगा का दुग्धाभिषेक हुआ। अर्चकों के साथ मां गंगा की आरती कर हवन-पूजन किया गया। गंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष पंडित किशोरी रमण दुबे, सचिव पंडित दिनेश शंकर दुबे, नमामि गंगे के काशी क्षेत्र संयोजक राजेश शुक्ला, मयंक दुबे, गंगा आरती के अर्चक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
धाम में विधि विधान से हुआ सप्तशती का पाठ
श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां दुर्गा की आराधना का आगाज हुआ। शास्त्रीय रीति-रिवाजों के साथ दुर्गा सप्तशती का विधि-विधान से पाठ शुरू किया गया, जिसने पूरे मंदिर परिसर को शक्ति और भक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। यह पवित्र आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना रहा।