बहराइच, 28 अक्टूबर 2025:
तराई क्षेत्र में फैले इस 551 वर्ग किलोमीटर के जंगल में कुलांचे भरते हिरनों के झुंड, गेरुआ नदी में अठखेलियां करती डॉल्फिन और रेतीले टीलों पर धूप सेंकते घड़ियाल देखने का मौका हर सैलानी को मंत्रमुग्ध कर देगा। यह क्षेत्र न केवल टाइगर और एलीफेंट रिजर्व के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि अपनी जैव विविधता और शांत प्राकृतिक परिवेश के कारण भी दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।
नवंबर से जून के बीच का समय यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना होता है। जंगल सफारी में वन्यजीवों को नजदीक से देखने का अवसर आसानी से मिलता है। पर्यटक यहां जंगल सफारी, पालतू हाथियों की सवारी और कैंपिंग का लुत्फ उठा सकते हैं।

कतर्नियाघाट, मोतीपुर और ककरहा रेंज में पर्यटकों के लिए थारू हट्स और कैम्पिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सभी आवासीय व्यवस्थाओं की ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।
बहराइच जिला मुख्यालय से कतर्नियाघाट की दूरी लगभग 120 किलोमीटर है। लखनऊ या अन्य शहरों से बस द्वारा पहले बहराइच पहुंचने के बाद टैक्सी या निजी वाहन से सीधे वन क्षेत्र तक पहुंचा जा सकता है।
प्रकृति और रोमांच के प्रेमियों के लिए कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य एक बार फिर खुला आमंत्रण दे रहा है… “आइए, जंगल की सांसों में खो जाइए!”







