
पथानामथिट्टा, 20 फरवरी 2025
केरल के पथानामथिट्टा जिले के शांत गांव पल्लीकल में एक लड़ाई चल रही थी – जमीन या पैसे के लिए नहीं, बल्कि एक मुर्गे की सुबह की दिनचर्या को लेकर। बुजुर्ग राधाकृष्ण कुरुप के लिए रात में चैन की नींद सोना असंभव हो गया था। हर सुबह 3 बजे उसके पड़ोसी का मुर्गा लगातार बांग देना शुरू कर देता था, जिससे उसे सोने में कठिनाई होती थी और उसका शांतिपूर्ण जीवन बाधित होता था।
कुरूप की तबीयत खराब हो चुकी थी और अब वह बहुत परेशान हो चुके थे। उन्होंने अदूर रेवेन्यू डिविजनल ऑफिस (आरडीओ) में अपने पड़ोसी अनिल कुमार के मुर्गे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और कहा कि मुर्गे की वजह से उनकी नींद में खलल पड़ रहा है।
अधिकारियों ने शिकायत को गंभीरता से लिया। आरडीओ ने जांच शुरू की और समस्या का कारण मुर्गे को माना। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कुरुप और कुमार दोनों को बुलाया गया और बाद में अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पता चला कि पड़ोसी ने अपने मुर्गे घर की ऊपरी मंजिल पर रखे थे। जांच से यह पुष्टि हुई कि बांग देने से कुरूप सचमुच परेशान हो रहा था। मामले को सुलझाने के लिए, आर.डी.ओ. ने पड़ोसी को पोल्ट्री शेड को ऊपरी मंजिल से हटाकर संपत्ति के दक्षिणी हिस्से में ले जाने का आदेश दिया। अधिकारियों ने स्थानांतरण के लिए 14 दिन की समय सीमा निर्धारित की।






