
हरेंद्र दुबे
कुशीनगर, 17 अगस्त 2025
यूपी के कुशीनगर जिले में 31 साल बाद पुलिस महकमे ने इस दफा जन्माष्टमी का पर्व पूरे जोश से मनाया। दरअसल यहां 31 साल पहले जन्माष्टमी के दिन ही डकैतों से हुई मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इसके बाद ही ये प्रिय धार्मिक पर्व थानों व पुलिस महकमे से दूर हो गया। अब एक बार फिर से इसकी उत्साहपूर्वक शुरुआत की गई।
जन्माष्टमी के दिन वर्ष 94 में हुआ था पचरुखिया कांड, डकैतों ने ली थी 6 पुलिसकर्मियों की जान
हुआ ये था कि 30 अगस्त 1994 में, जब कुशीनगर और देवरिया एक ही जिला हुआ करते थे, पड़रौना कोतवाली में जन्माष्टमी का उत्सव चल रहा था। इसी बीच कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के पचरुखिया घाट से डकैतों के मौजूद होने की सूचना मिली। पुलिस की एक टीम नदी पार कर घटनास्थल की ओर बढ़ी। लेकिन डकैत पहले से ही सतर्क थे वह नदी के किनारे छिप गए थे। डकैतों ने फायरिंग कर दी। इसमें एक नाविक चार सिपाही व दो दरोगा शहीद हो गए। इस घटना की याद में आज भी शहीद द्वार पर पचरुखिया कांड का एक शिलापट लिखा है। इसमे तारीख के साथ शहीदों के नाम दरोगा अनिल पांडे, राजेन्द्र यादव व सिपाही नागेंद्र पांडे, खेदन सिंह, विश्वनाथ यादव व परशुराम गुप्ता का नाम दर्ज हैं।

एसपी के आदेश के बाद पुलिस महकमे ने उत्साह से मनाया पर्व, शहीदों को याद किया
इसी घटना के बाद पुलिस महकमे का इस पर्व से रिश्ता अनायास ही टूट गया। अब 31 साल के लंबे अंतराल के बाद एसपी संतोष मिश्रा ने सभी थानों को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाने का निर्देश दिया तो उत्सव खड़ा हो गया इसलिए जिले के सभी थानों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई। पुलिसकर्मियों ने उत्साह से सजावट, पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। आयोजन धार्मिक उत्सव के साथ पचरुखिया कांड में जान गंवाने वाले वीर जवानों को नमन करने का भी अवसर बना। इस दौरान थाना कुबेरस्थान, जटहाबाजार, पडरौना, कप्तानगंज, नेबुआ नौरंगिया, खड्डा, हनुमानगंज, तमुकहीराज, बरवापट्टी,कसया, तरया सुजान, चौराखास आदि सभी थानों में झांकियां सजीं। इसके साथ ही कृष्ण लीला का मंचन किया गया। धार्मिक अनुष्ठान कर भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया। इस दौरान स्थानीय नागरिक भी कार्यक्रम का हिस्सा बने।
 
				 
					





