
मयंक चावला
आगरा, 11 जून 2025:
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल के हालिया बयान को लेकर पश्चिम उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता समुदाय में जबरदस्त नाराज़गी देखने को मिल रही है। मंत्री मेघवाल ने अपने बयान में कहा कि देश में दस नए हाईकोर्ट बेंच खोलने पर विचार हो रहा है, जिसमें मेरठ को प्राथमिकता दी जा रही है — लेकिन इस सूची में आगरा का कोई ज़िक्र नहीं किया गया, जिससे स्थानीय अधिवक्ताओं में आक्रोश फैल गया।
गौरतलब है कि जस्टिस जसवंत सिंह आयोग की रिपोर्ट में स्पष्ट सिफारिश की गई थी कि आगरा में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित होनी चाहिए। इसके बावजूद अब तक संसद में इस प्रस्ताव को पारित नहीं किया गया। इसी विरोध के स्वर को बुलंद करते हुए आज “जनमंच” द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल की बुद्धि शुद्धि के लिए यज्ञ (हवन) का आयोजन किया गया।
हवन में पूर्ण आहुति देकर वकीलों ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दोनों नेताओं को “सद्बुद्धि” प्राप्त हो, जिससे आगरा में हाईकोर्ट खंडपीठ की स्थापना का रास्ता साफ हो सके। वकीलों का कहना है कि अब चुप बैठने का वक्त नहीं है, संघर्ष और तेज किया जाएगा।






