लखनऊ, 23 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित विश्वविख्यात किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में कथित ‘लव जेहाद’ का मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। यौन उत्पीड़न और धर्मांतरण के प्रयास के आरोपों में घिरे जूनियर रेजिडेंट डॉ. रमीजउद्दीन को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद के निर्देश पर डीन एकेडमिक्स प्रो. वीरेंद्र की ओर से की गई। आरोपी के खिलाफ पीड़िता ने केस भी दर्ज कराया है।
प्रशासन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि MD की पढ़ाई कर रही महिला रेजिडेंट डॉक्टर की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने मामले की जांच शुरू कर दी है। समिति का मानना है कि जांच लंबित रहने के दौरान आरोपी का ड्यूटी पर बने रहना निष्पक्ष और तटस्थ जांच को प्रभावित कर सकता है।

इसी आधार पर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन आदेश के तहत जूनियर रेजिडेंट को निर्देश दिए गए हैं कि बिना पूर्व लिखित अनुमति के वह विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा और केवल जांच से जुड़ी कार्यवाही में ही शामिल हो पाएगा।
इस मामले ने उस समय तूल पकड़ा जब गत शनिवार को यह खुलासा हुआ कि एक हिंदू महिला रेजिडेंट डॉक्टर से कथित तौर पर शादी छिपाकर आरोपी ने प्रेम संबंध बनाए और बाद में उस पर धर्मांतरण का दबाव डाला। पीड़िता जुलाई 2025 में एमडी पैथोलॉजी में दाखिल हुई थी और केजीएमयू के हॉस्टल में रह रही है। इसी दौरान उसकी पहचान आरोपी जूनियर रेजिडेंट से हुई और दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर महीनों तक महिला डॉक्टर का शारीरिक और मानसिक शोषण किया। जब विवाह की बात सामने आई तो उसने धर्म बदलने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। महिला डॉक्टर द्वारा इनकार किए जाने पर कथित रूप से उसे प्रताड़ित किया गया। अश्लील फोटो-वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई।
स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब आरोपी की पत्नी को इस संबंध की जानकारी हुई और उसने महिला डॉक्टर को उसके पहले से शादीशुदा होने की सच्चाई बताई। इससे मानसिक रूप से टूट चुकी महिला रेजिडेंट ने आत्महत्या का प्रयास किया। गंभीर हालत में उसे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां आईसीयू में उसका इलाज किया गया।
पीड़िता की ओर से चौक कोतवाली में धर्मांतरण के प्रयास और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। महिला दारोगा द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि कोर्ट में उसके बयान दर्ज कराए जाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
इसके साथ ही पीड़िता के परिजनों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और राज्य महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई है। केजीएमयू प्रशासन और पुलिस दोनों ही स्तरों पर मामले की जांच जारी है। वहीं यह प्रकरण प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।






