
लखनऊ, 23 सितंबर 2025:
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को प्रमुख सचिव एम. देवराज से मुलाकात कर उन्हें जीएसटी-2 व्यवस्था की खामियों और सुधार संबंधी सुझावों से अवगत कराया।
व्यापार मंडल अध्यक्ष श्री मिश्र ने कहा कि रिटेलर के पास मौजूद अनब्रांड स्टॉक पर कर की दर शून्य हो जाने से व्यापारियों को न तो कंपनी से क्रेडिट नोट मिल पा रहा है और न ही उनके पास कोई विकल्प बच रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यापारी एक कड़ी मात्र है, जो जिस तरीके से माल प्राप्त करता है, उसी तरह बेच देता है। व्यापारी सरकार के साथ ईमानदारी से खड़ा है और उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचा रहा है, लेकिन अभियान चलाकर व्यापारियों को गलत ठहराना अनुचित है।
ज्ञापन में मांग रखी गई कि एक व्यापार–एक कर व्यवस्था लागू की जाए, समान दर वाले ट्रेड में केवल एक HSN रखा जाए, बार-बार नियम न बदलें, आईटीसी का ऑटो रिफंड सुनिश्चित हो और उसकी प्रक्रिया सरल की जाए। इसके साथ ही छोटे व्यापारियों पर तकनीकी खामियों के कारण पेनाल्टी का बोझ न डाला जाए और सत्यापन के नाम पर होने वाले उत्पीड़न पर रोक लगे।
संगठन के वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने कहा कि जीएसटी ने व्यापारी को मुनीम बना दिया है, जो दिनभर कागजी काम में उलझा रहता है और व्यापार आधा रह गया है। वहीं महामंत्री जितेंद्र सिंह चौहान ने स्टेशनरी सेक्टर में विसंगतियों का जिक्र करते हुए बताया कि कागज पर कर 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि उसी कागज से बनी किताब पर जीरो प्रतिशत कर है। बच्चों के बैग पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू है।
अध्यक्ष ने कहा कि यदि इन बिंदुओं पर गंभीरता से विचार किया जाए तो जीएसटी व्यवस्था और अधिक सरल होगी तथा कर संग्रहण भी बढ़ेगा। इस अवसर पर व्यापार मंडल के चेयरमैन राजेंद्र कुमार अग्रवाल और कोषाध्यक्ष देवेन्द्र गुप्ता भी मौजूद रहे।