लखनऊ, 26 दिसंबर 2025:
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाउस टैक्स वसूली को लेकर नगर निगम अब पूरी तरह सख्त मोड में आ गया है। बार-बार नोटिस भेजने के बावजूद टैक्स जमा नहीं करने वाले बड़े कामर्शियल और संस्थागत भवनों के खिलाफ नए साल से कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि सीलिंग की कार्रवाई होगी। इस फैसले के बाद शहर के बड़े मॉल, अस्पताल, सरकारी और निजी भवन नगर निगम के निशाने पर आ गए हैं।
बड़े नामों पर भी नहीं होगी नरमी
नगर निगम की इस कार्रवाई की जद में लुलु मॉल, लारी कार्डियोलॉजी, क्वीन मेरी हॉस्पिटल, जनपथ भवन जैसे बड़े और चर्चित भवन शामिल हैं। अधिकारियों ने सभी आठ जोन में टॉप पांच बकाएदारों की सूची तैयार कर ली है। इन सभी को अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द बकाया टैक्स जमा कराया जा सके। तय समय में भुगतान न होने पर इन भवनों के प्रशासनिक हिस्सों को सील करने की तैयारी है।

142 करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया टैक्स
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, इन बड़े बकाएदारों पर कुल 142 करोड़ रुपये से अधिक का हाउस टैक्स बकाया है। टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं और नियमित समीक्षा बैठकें भी हो रही हैं। चीफ टैक्स असेसमेंट ऑफिसर अशोक कुमार सिंह का कहना है कि लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन अब और इंतजार नहीं किया जाएगा। बड़े बकाएदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाना जरूरी हो गया है।
जोनवार सामने आई भारी बकाया राशि
जोनवार आंकड़ों पर नजर डालें तो कहीं शैक्षणिक संस्थान बड़े बकाएदार हैं तो कहीं अस्पताल, मॉल और सरकारी भवन। जोन-8 में लुलु मॉल पर 17.85 करोड़ रुपये और नए एयरपोर्ट टर्मिनल पर 17.58 करोड़ रुपये का बकाया है। जोन-5 में शूटिंग रेंज पर 13.46 करोड़ रुपये बकाया दर्ज है, जबकि जोन-4 में बीबीडी एजुकेशन सोसाइटी और एचसीएल आईटी सिटी पर करोड़ों का टैक्स बाकी है। अन्य जोनों में भी जनपथ भवन, विवेकानंद अस्पताल, डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय और सरस्वती डेंटल कॉलेज जैसे नाम शामिल हैं।

नए साल से शुरू होगी सीलिंग की कार्रवाई
नगर निगम ने साफ संकेत दे दिए हैं कि नए साल से हाउस टैक्स बकाए को लेकर किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। अंतिम नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई शुरू होगी। इस कदम से नगर निगम को बड़ी राजस्व वसूली की उम्मीद है, वहीं शहर के अन्य बकाएदारों के लिए यह एक कड़ा संदेश भी माना जा रहा है।






