लखनऊ, 14 दिसंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान दारुल उलूम नदवतुल उलमा (नदवा कॉलेज) के हॉस्टल में एक विदेशी नागरिक के अवैध रूप से रुकने का मामला सामने आने से प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। फिलीपीन्स के नागरिक मोहम्मद हारून सारिप के टूरिस्ट वीजा पर तीन दिन तक हॉस्टल में रहने की पुष्टि के बाद पुलिस ने नदवा कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई जिम्मेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार हारून सारिप 30 नवंबर को लखनऊ पहुंचा था। एक छात्रावास के कमरा नंबर 307 में फिलीपीन्स के ही छात्र मोहम्मद यासीर के साथ रुका। जांच में सामने आया कि हारून का नाम न तो हॉस्टल रजिस्टर में दर्ज था और न ही मुख्य प्रवेश द्वार के आगंतुक रजिस्टर में उसकी कोई एंट्री मिली। पूछताछ में यासीर ने बताया कि हारून उसका मित्र है और मिलने के लिए आया था। वह टूरिस्ट वीजा पर भारत में मौजूद था।

फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) से इनपुट मिलने के बाद हसनगंज पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आया कि नदवा प्रबंधन ने विदेशी नागरिक के ठहराव की सूचना पुलिस-प्रशासन को नहीं दी, जबकि एफआरआरओ ने 14 अक्टूबर को ही संस्थान को नोटिस जारी कर विदेशी नागरिकों की आवाजाही और गतिविधियों की नियमित जानकारी देने के निर्देश दिए थे।
जांच के आधार पर नदवा कॉलेज के प्रिंसिपल मौलाना अब्दुल अजीज नदवी, सब-रजिस्ट्रार डॉ. हारून रसीद, महादुल अली हॉस्टल के वार्डन मोहम्मद कैसर नदवी, मुख्य द्वार पर तैनात सुरक्षा कर्मी और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इंस्पेक्टर हसनगंज चितवन कुमार के मुताबिक साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस तफ्तीश में यह भी सामने आया है कि हारून अपने तीन दिन के प्रवास के दौरान पुराने लखनऊ के बड़े इमामबाड़ा, घंटाघर, सतखंडा और हजरतगंज सहित कई ऐतिहासिक स्थलों पर घूमता रहा और तस्वीरें खींचीं। सूत्रों के अनुसार लखनऊ से दिल्ली जाने के बाद उसके तबलीगी जमात में शामिल होने की जानकारी भी सामने आई जिसकी जांच की जा रही है क्योंकि टूरिस्ट वीजा पर इस प्रकार की गतिविधियों की अनुमति नहीं होती। फिलहाल पुलिस और खुफिया एजेंसियां नदवा में पढ़ रहे अन्य फिलीपीन्स के छात्रों से पूछताछ कर रही हैं। पूरे मामले की गहन जांच जारी है।






