लखनऊ, 22 मार्च 2025:
रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश की संपत्ति की विजिलेंस जांच होगी। शासन ने इस संबंध में गृह विभाग को निर्देश दिए हैं।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के सचिव और इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश को योगी सरकार ने बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया था। मामले में गिरफ्तार बिचौलिये निकांत जैन को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। निकांत ने सोलर कंपनी के प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए कुल लागत की 5 प्रतिशत रकम रिश्वत के रूप में मांगी थी।
आईएएस अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी संचालकों को निकांत जैन से संपर्क करने को कहा था। कंपनी के प्रतिनिधि विश्वजीत दास ने इस मामले की शिकायत प्रदेश शासन में की थी। गोपनीय जांच में आरोप सही पाए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अभिषेक प्रकाश को निलंबित किया गया और उनकी संपत्तियों की जांच के आदेश दिए गए। सूत्रों के अनुसार प्रदेश और राज्य के बाहर जहां भी अभिषेक प्रकाश की संपत्तियां होंगी, उन्हें जांच के दायरे में लाया जाएगा। विजिलेंस अपने स्तर पर गोपनीय जानकारी जुटाने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।
8 साल में निलंबित होने वाले दूसरे सीनियर आईएएस अफसर
योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में निलंबित होने वाले सचिव स्तर के अभिषेक प्रकाश दूसरे अधिकारी हैं। इससे पहले योगी सरकार के पहले कार्यकाल में चकबंदी आयुक्त शारदा सिंह को निलंबित किया गया था।