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लखनऊ : उत्पाती ‘सेना’ ने ग्रामीणों का जीना किया मुहाल…डीएम को खत लिखकर बताया दुखड़ा

गांव के निवासी रविकांत प्रजापति ने बताया कि एक सप्ताह पहले तक गांव में बंदरों का नामोनिशान नहीं था। एक सुबह अचानक सैकड़ों बंदर दिखाई दिए। लगता है किसी ने इन्हें रात में यहां लाकर छोड़ दिया।

राम दशरथ यादव

लखनऊ, 4 नवंबर 2025:

राजधानी लखनऊ में गोसाईगंज विकासखंड के देहरामऊ गांव में बीते एक सप्ताह से बंदरों की भारी फौज ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि किसी ने करीब 100 बंदरों को गांव में लाकर छोड़ दिया, जिसके बाद से गांव और खेतों में उत्पात मचा हुआ है। इन वानरों ने न सिर्फ पेड़-पौधों को उखाड़ना शुरू कर दिया है बल्कि घरों में रखे खाने के सामान, कपड़ों और यहां तक कि पानी की टंकियों तक को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

ग्रामीणों ने इस समस्या से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है। पत्र में मांग की गई है कि गांव में छोड़े गए बंदरों को पकड़कर जंगलों या उनके अनुकूल स्थानों पर छोड़ा जाए, ताकि ग्रामीणों की सुरक्षा और फसलों की रक्षा हो सके।

गांव के निवासी रविकांत प्रजापति ने बताया कि “एक सप्ताह पहले तक गांव में बंदरों का नामोनिशान नहीं था। एक सुबह अचानक सैकड़ों बंदर दिखाई दिए। लगता है किसी ने इन्हें रात में यहां लाकर छोड़ दिया।” उन्होंने बताया कि तब से अब तक बंदरों ने गांव में फसलों, सब्जियों और पेड़ों का भारी नुकसान किया है।

ग्रामीणों के मुताबिक, देहरामऊ क्षेत्र बहु-फसली खेती वाला इलाका है। दिन में किसान खेतों में रहते हैं, लेकिन सुबह और शाम के समय बंदरों का झुंड खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर देता है। पहले कभी-कभार एक-दो लंगूर आते थे, जो कुछ समय में चले जाते थे, मगर अब इन बंदरों के कारण गांव की स्थिति बिगड़ती जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आने वाले दिनों में उनकी मेहनत की फसल और पेड़-पौधे पूरी तरह नष्ट हो जाएंगे। ग्रामीणों की मांग है कि बंदरों को जल्द पकड़कर जंगलों में छोड़ा जाए, गांव में वन विभाग की टीम लगाई जाए व फसलों और किसानों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। गांव के लोग अब प्रशासन की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं, ताकि यह “वानर सेना” गांव से हटे और देहरामऊ में फिर से शांति लौट सके।

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