
लखनऊ, 8 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ के पॉश एरिया महानगर वार्ड के दर्शनगंज, मेहंदी टोला, विष्णुपुरी कॉलोनी, विष्णुपुरी विस्तार, चर्च रोड, दयाल फोर्ट, बाबा की संगत, चर्च एवेन्यू
आदि मोहल्लों में जल संकट भयावह रूप ले चुका है। काफी दिनों से यहां के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर थे और अब स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि इलाके की बड़ी बोरिंग पूरी तरह फेल हो चुकी हैं। इस वजह से पेयजल की आपूर्ति लगभग ठप हो गई है। इससे परेशान सैकड़ों लोग मंगलवार को सड़क उतर आए और अपना विरोध जताया।
स्थानीय पार्षद हरिश्चंद्र लोधी ने बताया कि यह संकट मुख्यतः पुरानी बोरिंग के ध्वस्त होने से उत्पन्न हुआ है। इसे देखते हुए एक सार्वजनिक पार्क में नई बोरिंग का कार्य प्रारंभ किया गया था, लेकिन एक स्थानीय व्यक्ति ने उस भूमि पर स्वामित्व का दावा करते हुए कार्य को रुकवा दिया।
पार्षद ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा, “यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस पार्क से लगभग 20,000 लोगों को स्वच्छ जल की उम्मीद थी, वहां कानूनी विवाद खड़ा कर कार्य रुकवाने की कोशिश की जा रही है। यह स्थल वर्षों से सार्वजनिक उपयोग में रहा है और मामला पिछले 19-20 वर्षों से न्यायालय में लंबित है।”
उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ जल नागरिकों का मौलिक अधिकार है, लेकिन कानूनी पेचीदगियों और व्यक्तिगत स्वार्थों के चलते हजारों परिवार इस अधिकार से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जनता को केवल दो चीज़ों की जरूरत है, जल और न्याय।
पार्षद ने प्रशासन, नगर निगम, जलकल विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप करते हुए विवादित स्थल का समाधान निकालें और वैकल्पिक व्यवस्था कर क्षेत्रवासियों को शीघ्र स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करें। स्थानीय नागरिकों की पीड़ा अब केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी का प्रतीक बन चुकी है।






