
रतलाम, 29 मार्च 2025
मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक गर्भवती महिला को कथित तौर पर दो बार स्वास्थ्य केंद्र से लौटा दिया गया तथा उसके पति द्वारा ठेले पर उसे केंद्र ले जाते समय घंटों बाद प्रसव होने के बाद उसके नवजात शिशु की मृत्यु हो गई, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना 23 और 24 मार्च की मध्य रात्रि में सैलाना कस्बे में घटित हुई।
तीसरी बार पत्नी को अस्पताल ले जाते हुए व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। सैलाना के उपमंडल मजिस्ट्रेट मनीष जैन ने बताया, “23 मार्च को सुबह 9 बजे सैलाना के कालिका माता मंदिर रोड निवासी कृष्ण ग्वाला अपनी पत्नी नीतू को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां नर्स चेतना चारेल ने उन्हें यह कहकर भेज दिया कि प्रसव दो-तीन दिन बाद होगा। रात 1 बजे उन्हें फिर से प्रसव पीड़ा हुई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।” उन्होंने शिकायत का हवाला देते हुए कहा, “इस बार नर्स गायत्री पाटीदार ने जांच के बाद नीतू को यह कहते हुए भर्ती करने से इनकार कर दिया कि प्रसव 15 घंटे बाद होगा। दंपत्ति घर लौट आए। जब उसे प्रसव पीड़ा हुई तो उसका पति उसे तीसरी बार हाथगाड़ी में अस्पताल ले गया।”
रास्ते में सुबह तीन बजे उसका प्रसव हो गया, लेकिन बाद में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि नवजात की मृत्यु हो गई है। जैन ने कहा, “ग्वाला ने बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है और कार्रवाई की मांग की है। इस घटना की गहन जांच की जाएगी।”
जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने बताया कि कलेक्टर राजेश बाथम ने नवजात की मौत की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया, “जिला स्तर पर की गई जांच में ड्यूटी में लापरवाही पाई गई है। सैलाना ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर (बीएमओ) डॉ. पीसी कोली को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर शैलेश डांगे के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य के स्वास्थ्य सेवा आयुक्त को पत्र भेजा गया है।” उन्होंने बताया कि नर्सिंग अधिकारी चेतना चारेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि एनएचएम की संविदा नर्सिंग अधिकारी गायत्री पाटीदार की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।






