
लखनऊ, 4 मार्च 2025:
यूपी की बरेली सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा माफिया डॉन ओमप्रकाश श्रीवास्तव उर्फ बबलू श्रीवास्तव अभी बाहर नहीं आ पाएगा। उसे सलाखों के पीछे रहना होगा क्योंकि समय पूर्व रिहाई की उसकी याचिका को प्रदेश शासन ने फिर से खारिज कर दिया है। इससे पहले नवंबर 2024 में भी उसकी याचिका अस्वीकार कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने गत 8 जनवरी को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस मामले में छह हफ्तों के भीतर पुनर्विचार कर निर्णय ले। कोर्ट के आदेश के बाद कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग की बैठकें हुईं। इन बैठकों में यह निष्कर्ष निकाला गया कि बबलू श्रीवास्तव की रिहाई से समाज में भय का माहौल पैदा हो सकता है, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित होगी।
बबलू को क्यों मिली थी उम्रकैद?
बबलू श्रीवास्तव ने वर्ष 1993 में इलाहाबाद में अतिरिक्त कस्टम अफसर एलडी अरोड़ा की हत्या कर दी थी। इस अपराध के लिए 2008 में कानपुर की टाडा कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।






