प्रयागराज, 9 दिसंबर 2024:
देश के किसी भी हिस्से से महाकुंभ नगरी पहुंचने में श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी। उनकी सुविधा के लिए रेलवे महाकुंभ के दौरान 45 दिन तक 13 हजार ट्रेनों का संचालन करेगा। इनमें तीन हजार स्पेशल ट्रेनें और 10 हजार नियमित रेलगाड़ियां शामिल हैं।
इस बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी। वे महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने रविवार को वाराणसी और प्रयागराज पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान देश के हर कोने से प्रयागराज का सीधा जुड़ाव रहेगा। महाकुंभ के दौरान लंबी दूरी के चेन्नई, मुंबई सहित 50 शहरों से आरक्षित ट्रेनें चलेंगी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान इस बार कई विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
महाकुंभ के लिए बनाए गए चार रिंग रेल सर्किल
प्रयागराज महाकुंभ के लिए चार रिंग रेल सर्किल बनाए गए हैं। इनमें वाराणसी-प्रयागराज, प्रयागराज-अयोध्या, अयोध्या-काशी और प्रयागराज सर्किल शामिल हैं। इसके साथ देश के अलग-अलग राज्यों के 50 शहरों से महाकुंभ के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा।
इन शहरों से श्रद्धालुओं को महाकुंभ पहुंचाएंगी स्पेशल ट्रेनें
महाकुंभ के दौरान देश के कई हिस्सों से स्पेशल ट्रेनें प्रयागराज पहुंचेंगी। इनमें गुवाहाटी, रंगापाड़ा नॉर्थ, मुंबई सीएसटी, नागपुर, पुणे, सिकंदराबाद, गुंटूर, नांदेड़, विशाखापट्टनम, भुवनेश्वर, पुरी, संबलपुर, कन्याकुमारी, तिरुवनंतपुरम नॉर्थ, चेन्नई सेंट्रल, हावड़ा, वापी, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा, वलसाड, भावनगर, जयनगर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, धनबाद, पटना, गया, रक्सौल, सहरसा, बेलागवी, मैसूर, उदयपुर सिटी, बाड़मेर, टाटानगर, रांची आदि शामिल हैं
यात्रियों को प्रतीक्षालय में ही मिल जाएगा जनरल रेल टिकट
महाकुंभ के दौरान यात्रियों को रेल टिकट लेने में कोई परेशानी नहीं होगी। उन्हें बिना लाइन के जनरल टिकट मिल सकेगा। इसके लिए स्टेशनों के आश्रय स्थल व प्रतीक्षालय में यात्रियों को मोबाइल टिकटिंग मशीन के माध्यम से रेलवे कर्मी टिकट उपलब्ध कराएंगे। मालूम हो कि संगम नगरी के स्टेशनों पर 23 यात्री आश्रय स्थल व प्रतीक्षालय बनाए गए हैं। इसके साथ मोबाइल एप के माध्यम से भी यात्री जनरल टिकट ले सकेंगे। इसके अलावा 554 अनारक्षित टिकट काउंटर भी बनाए जा रहे हैं।
12 भाषाओं वाली बुकलेट करेगी गैर हिंदी भाषी लोगों की मदद
महाकुंभ के दौरान कई राज्यों से श्रद्धालु संगम नगरी प्रयागराज पहुंचेंगे। दक्षिण भारत के कई राज्यों के लोग हिंदी समझ और बोल नहीं पाते हैं। ऐसे लोगों की सुविधा के लिए रेलवे प्रशासन ने तमिल, कन्नड़, उड़िया, मलयालम समेत 12 क्षेत्रीय भाषाओं की एक पॉकेट बुकलेट तैयार कराई है। एक बुकलेट उनकी काफी मदद करेगी।
मुस्तैद रहेंगे आरपीएफ व जीआरपी के 18 हजार जवान
महाकुंभ के दौरान आरपीएफ और जीआरपी के 18 हजार जवान तैनात मुस्तैद रहेंगे। इनमें आरपीएफ के आठ हजार और जीआरपी के दस हजार जवान होंगे। इसके साथ ही रेलवे के 13 हजार अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए जा रहे हैं। इनमें बहुत से कर्मचारी हिंदी, अंग्रेजी के साथ दक्षिण भारतीय, पंजाबी, बंगाली, मराठी, गुजराती आदि भाषा समझने और बोलने वाले होंगे।