बाराबंकी, 18 नवंबर 2025 :
रामनगर तहसील स्थित प्राचीन लोधेश्वर महादेवा धाम के परिसर में धूप-दीप की सुगंध, शंख-घंटों की गूंज और भक्ति से भरे वातावरण के बीच सात दिवसीय महोत्सव का शुभारंभ हुआ। संस्कृत पाठशाला के बच्चों ने फूल बरसाए व आचार्यों ने दुग्ध, पुष्प, अक्षत और गंगाजल से डीएम के हाथों से पूजा संपन्न कराई। इसके बाद सांस्कृतिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हुआ।

धाम में पुष्पमालाओं से सजे मार्ग, रौशनी से नहाए मंदिर द्वार और रंगीन ज्योति से दमकते गर्भगृह ने श्रद्धालुओं को आनंद से भर दिया। पूजा के समापन पर डीएम शशांक त्रिपाठी ने सांस्कृतिक मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव के कार्यक्रमों की शुरुआत की। बहार सुगम संगीत प्रभाग के निदेशक प्रभात नारायण दीक्षित और उनके छात्र-छात्राओं ने ‘रंग गयो मन मेरा भोला के रंग में’ शिव स्तुति की प्रस्तुति दी। शिवराजे फ्यूजन बैंड के कार्तिकेय कैलाश दीक्षित के निर्देशन में अभिजीत, प्रत्युष, वंशिका और अदिति ने गीतों का गुलदस्ता सजाया। इसके बाद अदिति और कार्तिकेय की युगल प्रस्तुति ‘लग जा गले’ ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, जबकि वंशिका गुप्ता की ‘आओगे जब तुम साजना’ प्रस्तुति ने तालियां बटोरी।

पंडित अनुज मिश्रा एंड ग्रुप की प्रस्तुति ने भक्ति और कला का अद्भुत संगम रचा। कलाकारों ने कथक नृत्य शैली के माध्यम से महादेव की दिव्य लीलाओं को जीवंत किया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘कर्पूर गौरं करुणावतारं’ से हुई। इसके बाद रौद्र तांडव की प्रस्तुति ने भक्ति भाव में डुबा दिया। इसके बाद पूर्णिमा और सरगम ग्रुप की लोक गायिका पुष्पा त्रिवेदी तथा उनके सहयोगी कलाकारों ने भजन और लोकगीतों की प्रस्तुति दी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पा त्रिवेदी के भजन ‘करुणा निधान रउवा जगत के दाता’ से हुई। इसके बाद ‘मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी’ की प्रस्तुति ने भक्तों को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। लोकगीत ‘तोहार दूल्हा गौरा सबसे निराला’ को भी दर्शकों ने सराहा।







