
चंडीगढ़, 27 दिसंबर, 2024
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनकी यादें उनकी शिक्षा उनके सिद्धांत उनका लिटरेचर बच्चे ना सिर्फ़ पढ़ेंगे बल्कि उनकी सहजता से ता उम्र सिखते रहेंगे। डॉ मनमोहन सिंह का नाता चंडिगढ़ से बड़ा गहरा है क्यूंकि उनकी शिक्षा की शुरुआत से पंजाब हुई, जहां मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद 1952 में पंजाब यूनिवर्सिटी से ही अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन और 1954 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।फिर phd करने के बाद वह यहीं पर अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर बने, अपने शांत और निर्मल सभाव के कारण विद्यार्थियों के सबसे पसंदीदा प्रोफेसर रहे, अपने साथ करना करने वाले प्रोफेसर्स के अच्छे दोस्त भी, आज भी उनकी याद पंजाब यूनिवर्सिटी के इकनॉमिक्स डिपार्टमेंट में उसी तरह ताजा है और नए विद्यार्थियों और प्रोफेसर उनके सभाव उनके, लिट्रेचर उनकी शिक्षा के बारे में विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है ।
पंजाब यूनिवर्सिटी की डॉक्टर मनमोहन को याद करते हुए एक क़िस्सा बताया कि किस तरह से जब वह पंजाब यूनिवर्सिटी की विद्यार्थी थी उनकी प्रोफ़ेसर ने बताया कि डॉक्टर मनमोहन वह T शांत स्वभाव के थे और साथ ही हर किसी को शांत रह कर अच्छी शिक्षा के साथ हमेशा ही आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे ।
डॉक्टर मनमोहन जब प्रधानमंत्री थे उनके कैबिनेट के रेल मंत्री रही पवन बंसल ने उनको याद करते हुए कहा कि वह ऐसे प्रधानमंत्री थे जो सभी कैबिनेट के साथियों के साथ मिलकर देश के लिए फ़ैसला लेते थे। पवन बंसल ने कहा कि उन्होंने अर्थशास्त्र के लिए देश के लिए जो काम किया वह कभी नहीं कोई कर सकता है वह बोलते कम थे लेकिन अपने काम से जवाब देते थे ।


