
मुंबई | 20 जुलाई 2025
महाराष्ट्र में एक बार फिर भाषा विवाद गर्मा गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दिए गए ताजा बयान – “त्रिभाषा फार्मूला महाराष्ट्र में 100% लागू होगा” – ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और सवाल उठाया है कि फडणवीस पर इतना दबाव किसका है?
फडणवीस का यह बयान उस समय आया है जब कुछ समय पहले राज्य सरकार ने हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाए जाने का प्रस्ताव भारी विरोध के बाद वापस ले लिया था। अब त्रिभाषा फॉर्मूले की पुन: पुष्टि ने विवाद को दोबारा जन्म दे दिया है।
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा,“देवेंद्र फडणवीस पर किसका इतना दबाव है? गुजरात, तमिलनाडु, केरल, ओडिशा जैसे राज्यों ने ऐसा कुछ नहीं किया, तो महाराष्ट्र में क्यों? मुख्यमंत्री मराठी को पीछे और हिंदी को आगे क्यों दिखा रहे हैं? ये महाराष्ट्र की माईबोली का अपमान है।”
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें हर भाषा से प्यार है – चाहे वो हिंदी हो, कन्नड़ हो या तेलुगु। लेकिन किसी भाषा को ऊपर और किसी को नीचा दिखाना भारतीय संस्कृति नहीं है।
सुले ने भावुक होते हुए कहा,“मराठी हमारी मां है और मां का अपमान क्यों किया जा रहा है? मौसी से प्यार कीजिए, लेकिन मां को पीछे क्यों रखा जा रहा है?”
फडणवीस के बयान ने राजनीतिक गलियारों में बहस तेज कर दी है। मराठी बनाम हिंदी की इस बहस में एक बार फिर क्षेत्रीय अस्मिता का मुद्दा जोर पकड़ता दिख रहा है।