लखनऊ, 6 नवंबर 2025 :
हिंदू कैलेंडर के अनुसार आज से मार्गशीर्ष महीना शुरू हो गया है, जिसे अगहन मास भी कहा जाता है। ये महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है। भगवद्गीता में खुद भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है — “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्” यानी, सभी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इसलिए इसे भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना भी कहा जाता है।
कब से शुरू होता है मार्गशीर्ष महीना?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन से मार्गशीर्ष मास की शुरुआत होती है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 (बुधवार) को पड़ी। इसलिए मार्गशीर्ष महीने की शुरुआत 6 नवंबर 2025 (गुरुवार) से हुई और इसका समापन 4 दिसंबर 2025 को होने वाली मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ होगा।

मार्गशीर्ष का धार्मिक महत्व
यह महीना जप, तप और ध्यान का समय माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस समय किया गया हर पुण्य कार्य (good deeds) जैसे दान, पूजा या सेवा, बाकी महीनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है।
इस दौरान भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है और पापों का नाश होता है। इसे भक्ति और साधना का महीना भी कहा जाता है।
इस महीने जरूर करें ये शुभ कार्य
स्नान (Holy Bath): सूर्योदय से पहले गंगा, यमुना या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना शुभ होता है। अगर यह संभव न हो तो नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल या तुलसी पत्ते डालें।
दान (Donation): अन्न, वस्त्र, कंबल, तिल, घी, दीपक या बर्तन का दान करने से पापों का नाश होता है और घर में सुख-शांति आती है।
दीपदान (Lighting Lamps): हर शाम तुलसी के पौधे या मंदिर में दीप जलाना बहुत शुभ माना गया है। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी और सौभाग्य बढ़ता है।

इस महीने पड़ने वाले प्रमुख त्योहार
मार्गशीर्ष महीने में कई धार्मिक पर्व और व्रत पड़ रहे हैं, जिनमें प्रमुख हैं —कालभैरव जयंती, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, दत्तात्रेय जयंती और अन्नपूर्णा जयंती। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और इसमें किया गया दान, दीपदान और पूजा बेहद शुभ फल देने वाला माना जाता है।






