वाराणसी, 10 मार्च 2025:
अंशुल मौर्य
काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी के आवास से सोमवार की सुबह माता गौरा की गौना बारात अपने पारंपरिक रास्तों से होते हुए विश्वनाथ धाम पहुंची। यहां बाबा विश्वनाथ और माता गौरा की मूर्ति को शंकराचार्य चौक पर दर्शन के लिए रखा गया है। पुलिस द्वारा नोटिस देने और प्रतिबंध का विवाद गरमाने के बाद पहली बार इस मूर्ति को मंदिर तक महंत आवास से ढक कर ले जाया गया। इससे पूर्व शाम को श्रीलंका के चीफ जस्टिस ने धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की।
विवाद बढ़ता देख पुलिस बैकफुट पर आई
बता दें कि दशाश्वमेध थाना पुलिस ने श्री काशी विश्वनाथ न्यास द्वारा किसी बाहरी प्रतिमा को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं देने का हवाला देते हुए नोटिस दी थी। जिसमे कहा गया था कि आयोजन से शांति भंग हो सकती है। इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय व कई मंदिर से जुड़े अन्य महंतों ने आपत्ति जताई थी। हालांकि, विवाद बढ़ता देख पुलिस को जिद छोड़नी पड़ी।
परदे में रहीं मूर्तियां, ब्रम्ह मुहूर्त से शुरू हुए अनुष्ठान
सोमवार को पूर्व महंत के आवास से उनके बेटे वाचस्पति तिवारी के साथ भगवान शिव और माता गौरा की मूर्ति पर कपड़ा डालकर सुरक्षा व्यवस्था के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर ले जाया गया।
रंगभरी एकादशी के दिन मुख्य अनुष्ठान की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त से हुई, जिसमें पंचगव्य से स्नान, षोडशोपचार पूजन और रुद्राभिषेक के बाद बाबा और मां पार्वती का श्रृंगार आरंभ हुआ। मूर्ति को मंदिर प्रांगण में रखा गया है। दोपहर में विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद मंदिर के चारों कोनों पर महादेव और माता गौरा को भ्रमण कराया जाएगा इस दौरान रंग गुलाल उड़ाए जाएंगे। शाम 4 बजे मूर्ति को गर्भगृभ के समीप लाया जाएगा। सप्तऋषि आरती में रंग गुलाल उड़ाए जाएंगे और मूर्ति को रखा जाएगा और बाबा को गुलाल अर्पित किया जायेगा आज से काशी में रंग उत्सव की शुरुआत होगी।
राजसी पगड़ी मेवाड़ी परिधान से सजेंगे महादेव
महंत वाचस्पति तिवारी ने बताया कि रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। महादेव मिथिलांचल से आयी देव किरीट धारण करेंगे और राजसी पगड़ी और मेवाड़ी परिधान पहनेंगे, जो नागा साधुओं की ओर से अर्पित किया गया है। माता पार्वती गुलाबी बनारसी साड़ी में दर्शन देंगी। बाबा विश्वनाथ की आंखों में लगाने के लिए काजल विश्वनाथ मंदिर के खप्पर से लिया जाएगा, जबकि माता पार्वती के लिए सिंदूर अन्नपूर्णा मंदिर के मुख्य विग्रह से लाया जाएगा।

श्रीलंका के चीफ जस्टिस ने की पूजा अर्चना
श्री काशी विश्वनाथ धाम में आयोजित रंगभरी एकादशी उत्सव में श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एस थुरईराजा और उनकी धर्मपत्नी शशिकला थुरईराजा ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया और श्री काशी विश्वनाथ महादेव एवं माता गौरा की चल रजत प्रतिमा पर पुष्प, हल्दी और अबीर- गुलाल अर्पित किया। मंदिर न्यास की ओर से मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण एवं डिप्टी कलेक्टर शंभू शरण ने खास मेहमानों का धाम में स्वागत किया।
