लखनऊ, 29 अक्टूबर 2025:
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने आगामी चुनावों को देखते हुए मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए नई रणनीति शुरू कर दी है। इसी क्रम में बुधवार को लखनऊ स्थित कार्यालय में मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की विशेष बैठक आयोजित की गई। बैठक में मायावती ने मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने और भाईचारा मजबूत करने का आह्वान किया।
मायावती ने बताया कि भाईचारा संगठन दलित और एक मुस्लिम संयोजक नियुक्त किए गए हैं। ये दोनों संयोजक अपने-अपने क्षेत्रों में छोटे-छोटे स्तर पर बैठकें आयोजित कर मुस्लिम समाज को बीएसपी से जोड़ने का कार्य करेंगे। इसकी प्रगति रिपोर्ट सीधे पार्टी प्रमुख के पास भेजी जाएगी।

उन्होंने कहा कि बीएसपी ने अपने शासनकाल में मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा की। उन्हें न्याय दिलाया और बेहतर कानून-व्यवस्था देकर जान-माल और मजहब की सुरक्षा सुनिश्चित की। मायावती ने दावा किया कि बीएसपी ही एकमात्र ऐसी सरकार रही जिसने यूपी को दंगा, शोषण और भय-मुक्त बनाया, जबकि दूसरी पार्टियां सिर्फ वोट की राजनीति करती हैं। चुनाव के बाद मुस्लिमों को भूल जाती हैं।
सपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि “मुस्लिम समाज का पूरा समर्थन मिलने के बावजूद भी सपा और कांग्रेस बीजेपी को नहीं हरा पा रही हैं। इसके उलट, जब बीएसपी को मुस्लिम समाज का थोड़ा भी सहयोग मिला, तब उसने बीजेपी को परास्त किया और 2007 में बहुमत की सरकार भी बनाई।” उन्होंने आरोप लगाया कि सपा-कांग्रेस की नीतियां हमेशा से दलित, पिछड़े और मुस्लिम विरोधी रही हैं। उनके “गलत कार्यों” से ही बीजेपी मजबूत हुई है।
मायावती ने अपने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि पार्टी को न केवल विरोधी दलों बल्कि भीतरघातियों से भी सतर्क रहना होगा। उन्होंने शमसुद्दीन राईन का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसे स्वार्थी और अवसरवादी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में उन्होंने कहा कि बीएसपी का मिशन बहुजन समाज को सत्ता और पद के जरिये आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से भरा जीवन दिलाना है, जो डॉ. भीमराव अंबेडकर के संविधान की भावना और ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति का वास्तविक रूप है।






