मेरठ, 15 जनवरी 2025:
मेरठ में इलाज के बहाने एक महिला की किडनी निकालने का मामला सामने आया है। बुलंदशहर की कविता ने आरोप लगाया है कि 2017 में इलाज के दौरान उनकी एक किडनी निकाल ली गई। 2022 में जांच कराने पर यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
कोर्ट के आदेश पर केस, बुलंदशहर की है पीड़िता
कोर्ट के आदेश पर बुलन्दशहर में थाना नरसैना पुलिस ने
केएमसी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के छह डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बुलंदशहर के कस्बा बुगरासी निवासी कविता ने दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि 2017 में बीमार होने पर बागपत रोड मेरठ स्थित केएमसी हॉस्पिटल गईं। सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता ने ऑपरेशन की सलाह दी। 20 मई 2017 को उनका ऑपरेशन हुआ। 24 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने इलाज को सफल बताया। हालांकि, 28 अक्टूबर 2022 को दूसरी जगह जांच कराने पर पता चला कि उनकी बाईं किडनी गायब है।
किडनी बेचने व धमकी देने का आरोप
कविता का कहना है कि उनकी किडनी निकालकर बेच दी गई। इस दौरान उन्हें गलत रिपोर्ट दी जाती रहीं और उनकी बिगड़ती तबीयत पर सच्चाई छुपाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इस साजिश में सर्जन सहित अन्य डॉक्टर और कर्मचारी शामिल हैं। कविता ने यह भी आरोप लगाया कि 2022 में शिकायत करने पर अस्पताल कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट की और दस्तावेज छीन लिए। जुलाई 2023 में डॉ. गुप्ता ने कथित रूप से बदमाशों को उनके घर भेजकर मुकदमा वापस लेने की धमकी दिलवाई।
छह डॉक्टरों पर एफआईआर, पुलिस कर रही जांच
कविता ने न्यायालय का रुख किया। एसीजेएम-तृतीय बुलंदशहर के आदेश पर नरसैना थाने में एफआईआर दर्ज हुई। सर्जन डॉ. सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. निकिता जग्गी, डॉ. सतीश अरोड़ा और डॉ. सीमा वार्ष्णेय पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ।