ब्रसेल्स, 12 अप्रैल 2025
भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी एक बार फिर भारतीय एजेंसियों के जाल में फंस गया है। कैंसर के इलाज के बहाने वह बेल्जियम पहुंचा था, लेकिन वहां से स्विट्जरलैंड भागने की योजना बना रहा था। हालांकि इससे पहले ही 12 अप्रैल को बेल्जियम पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सूत्रों के मुताबिक, चोकसी ने बेल्जियम में अपनी भारतीय और एंटीगुआ की नागरिकता की जानकारी छिपाई थी। भारतीय जांच एजेंसियां – प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) – पिछले दो महीनों से इस मामले में बेल्जियम एजेंसियों के साथ संपर्क में थीं। जैसे ही चोकसी की लोकेशन की पुष्टि हुई, भारतीय एजेंसियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी जरूरी दस्तावेज और ओपन अरेस्ट वारंट बेल्जियम अधिकारियों को सौंपे। इसके बाद बेल्जियम की सुरक्षा एजेंसियों ने उसे दबोच लिया।
गौरतलब है कि मेहुल चोकसी 13,850 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले का मुख्य आरोपी है। उसकी कंपनी का नाम गीतांजलि जेम्स लिमिटेड था। वर्ष 2017 में उसने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी और 2018 में भारत से भागकर वहीं बस गया था। 2021 में वह वहां से भी फरार हो गया था। इससे पहले डोमिनिका में भी उसे पकड़ा गया था, लेकिन 51 दिन की जेल के बाद ब्रिटिश प्रिवी काउंसिल से उसे राहत मिल गई थी।
पीएनबी घोटाला भारत के बैंकिंग इतिहास के सबसे बड़े घोटालों में से एक है, जिसकी शुरुआत 2011 में हुई और यह 2018 तक चलता रहा। यह फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए किया गया था, जिससे PNB को भारी वित्तीय नुकसान हुआ और शेयर बाजार में उसके शेयर 40% तक गिर गए थे।
अब चोकसी की गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।