
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025
करीब 62 साल भारतीय वायुसेना और देश की हिफाजत के लिए तैनात रहे मिग-21 लड़ाकू विमान अब जल्द ही सेवा से मुक्त कर दिए जाएंगे। हाल ही में वायुसेना ने कहा कि लड़ाकू विमान के लिए विदाई समारोह 19 सितंबर को चंडीगढ़ एयरबेस पर आयोजित किया जाएगा। इसके बाद, विमान की सेवा आधिकारिक रूप से समाप्त हो जाएगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि यह ताज़ा फ़ैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि ये विमान अक्सर दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते हैं। इनकी जगह स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान Mk1A को शामिल किया जाएगा। बता दें कि मिग-21 जेट को पहली बार 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट है।
इस लड़ाकू विमान ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों, 1999 के कारगिल युद्ध, 2019 के बालाकोट हमलों और हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई थी। हालाँकि, हाल के दिनों में यह विमान लगातार दुर्घटनाओं का शिकार रहा है। 400 से ज़्यादा दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। केंद्र इसी क्रम में इन्हें सेना से हटाने की योजना बना रहा है।
भारत ने 900 मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे हैं। इनमें से 660 विमानों का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने घरेलू स्तर पर किया है। वर्तमान में वायुसेना में 36 मिग-21 लड़ाकू विमान हैं। इसने कई दशकों तक उत्कृष्ट सेवा प्रदान की है।