संतोष देव गिरि
मिर्ज़ापुर 21 दिसंबर 2024:
गंभीर होती टीबी की बीमारी से बचाव के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने में जुटा है। देश को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस बीमारी को जड़ से समाप्त करने की कोशिश में लगी टीमें लगातार अभिनव प्रयोग कर रही है।
इस क्रम में मिर्जापुर जनपद के क्षय रोग विभाग की ओर जागरूकता कार्यक्रम, टीबी रोगी खोजी अभियान, मरीजों को पोषण पोटली आदि दिलाकर उन्हें गोद लेने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अब जनपद में स्वस्थ हुए मरीजों के बीच से बड़े पैमाने पर ‘चैंपियन’ बनाने का एक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत ‘टीबी चैंपियन’ वर्तमान में इलाज करा रहे मरीजों को जागरूक करने के साथ उन्हें साहस देते हुए मरीज एवं अन्य लोगों को अंधविश्वास से दूर करने का काम करेंगे।
मझवां सीएचसी में हुई अभियान की शुरूआत
इस अभियान की शुरुआत मझवां ब्लॉक की सीएचसी में मौजूद स्वस्थ हुए लोगों के बीच क्षय रोग विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव की अगुवाई में उन्हें टीबी के समस्त लक्षणों से परिचित कराया गया। सरकारी स्तर पर सुविधाओं की जानकारी देते हुए आम लोगों से इस कल्याणकारी कार्य में आगे आने का प्रस्ताव रखा गया जिससे वर्ष 2025 के टीबी रोग की समाप्ति के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। इस दौरान मौजूद लोगों ने अपने पूर्व के इलाज के अनुभव के बारे में बताया। इस रोग की समाप्ति में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया।

अंधविश्वास और नशे की लत भी बढ़ा रही मरीज
देश में टीबी मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे बड़ी वजह मरीजों में दवा से ज्यादा दुआ यानी अंधविश्वासी प्रवृत्ति का होना बताया जा रहा है। इसके साथ ऐसे मरीजों की संख्या भी काफी है जो नियमित दवा लेने से कहीं ज्यादा नशे से नाता जोड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बताते हैं कि मरीजों की अंधविश्वासी प्रवृत्ति तथा शराब, गांजा व अन्य घातक नशे की सामग्री के सेवन से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। नियमित दवा का सेवन न करने से बीमारी रुकने की बजाए जटिल होती जाती है। इन वजहों से टीबी की बीमारी से स्वस्थ हुए लोगों को चैंपियन बना कर उनके जरिए लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। वे लोगों को जागरूक करते हुए अपने अनुभवों से मरीजों को स्वस्थ होने के गुर सिखाएंगे।