
कानपुर ,15 अक्टूबर 2024:
महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी को और अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से उनके छोटे बच्चों की देखभाल के लिए एक अनूठी पहल की गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति अभियान के फेज 5 के तहत प्रदेश भर में “किलकारी हाउस” का शुभारंभ किया जा रहा है। कानपुर में इस पहल का उद्घाटन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने फीता काटकर किया, जिसका उद्देश्य महिला पुलिसकर्मियों के कार्यस्थल पर बच्चों की देखभाल की चिंता को दूर करना है।
कानपुर में पहला किलकारी हाउस
कानपुर के महिला थाने में स्थापित इस किलकारी हाउस का उद्घाटन पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार द्वारा किया गया। इस सुविधा के तहत, जिन महिला पुलिसकर्मियों के छोटे बच्चे हैं, वे अब अपनी ड्यूटी के दौरान बच्चों की देखभाल की चिंता से मुक्त हो सकेंगी। यह किलकारी हाउस 1 से 5 साल तक के बच्चों के लिए बनाया गया है, जहां बच्चों के लिए खिलौने, पढ़ाई, और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है।
इस मौके पर डीसीपी अंकिता शर्मा ने बताया कि यह किलकारी हाउस कानपुर में महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत है, जो पुरुष पुलिसकर्मियों के बराबर कार्य करती हैं और अपने बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित रहती हैं। इस पहल से उन्हें यह चिंता नहीं रहेगी कि उनके बच्चे घर पर अकेले कैसे रहेंगे। अब बच्चे पुलिस परिसर में सुरक्षित माहौल में खेलते-कूदते और सीखते हुए अपना समय बिताएंगे।
महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक बड़ी राहत
इस पहल की खास बात यह है कि किलकारी हाउस में बच्चों की देखभाल भी खुद पुलिसकर्मी ही करेंगे, जो इसे और भी विशेष बनाता है। यह कदम महिला पुलिसकर्मियों की कार्यकुशलता को बढ़ावा देगा, क्योंकि अब वे निश्चिंत होकर अपनी ड्यूटी पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
प्रदेश भर में किलकारी हाउस का विस्तार
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में इसी प्रकार के किलकारी हाउस का शुभारंभ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति अभियान के तहत इस पहल को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। यह पहल न केवल महिला पुलिसकर्मियों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि उन पुलिसकर्मियों के लिए भी लाभकारी होगी जिनके छोटे बच्चे हैं।
यह किलकारी हाउस न केवल बच्चों के लिए एक सुरक्षित और खुशहाल स्थान प्रदान करेगा, बल्कि महिला पुलिसकर्मियों की कार्यस्थल पर उपस्थिति को भी सुनिश्चित करेगा। यह पहल महिला सशक्तिकरण और उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।