लखनऊ, 30 दिसंबर 2024
उत्तर प्रदेश में पिछले ढाई दशकों में केले के रकबे में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले सात वर्षों में योगी सरकार ने किसानों को अनुदान सहित तमाम सुविधाएं भी दीं जिससे यह संभव हुआ।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में शामिल कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी और बाराबंकी जैसे कई जिलों में केले की खेती की जा रही है। यही नही, केले को कुशीनगर का वन डिस्ट्रिक वन उत्पाद (ओडीओपी) घोषित करना भी एक महत्वपूर्ण कदम रहा।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार दस साल में केले का निर्यात करीब दस गुना बढ़ा है। 2013 में भारत से कुल 2.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर केले का निर्यात हुआ था। वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 25.14 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गया। केंद्र ने अगले दो तीन वर्षों में इसे एक अरब रुपये तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। बढ़ते निर्यात और इसे और बढ़ाने की योजना का यूपी के किसानों को सर्वाधिक लाभ होगा।
उत्तर प्रदेश सरकार प्रति हेक्टेयर केले की खेती पर करीब 38 हजार रुपये का अनुदान दे रही है। इसके अलावा सरकार की ओर से केले को प्रसंस्कृत कर उसके फल, रेशे एवं तने के जूस से अन्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग भी किसानों को दी जा रही है। केले को प्रसंस्कृत कर अन्य उत्पाद बनाने वाले किसानों को एक्सपोजर भी दिया जा रहा है। नोएडा में कुछ माह पूर्व आयोजित ट्रेड शो में कुशीनगर के भी कुछ किसान गए थे।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के केले की मांग देश के महानगरों सहित नेपाल, बिहार, दिल्ली, पंजाब और जम्मू में काफी है।