
नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मौजूदा वैश्विक आर्थिक संकट के लिए चीन की 24 साल पुरानी व्यापार नीति को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यह संकट न तो टैरिफ युद्ध का परिणाम है और न ही युद्धों का, बल्कि इसकी जड़ें 2001 में चीन के विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शामिल होने के बाद अपनाई गई अनुचित व्यापार नीतियों में हैं।
मुंबई में आयोजित ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ कार्यक्रम में बोलते हुए गोयल ने कहा कि चीन ने दो दशकों से भी अधिक समय तक वैश्विक व्यापार में अनुचित प्रथाओं का पालन किया, और विश्व ने उस पर आंख मूंद ली। उन्होंने कहा कि इस वृद्धि की नींव असंतुलित और अनुचित व्यापार नियमों पर रखी गई थी, जिससे विश्व अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने दुनिया से बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय कंपनियों से राष्ट्रवादी दृष्टिकोण अपनाने और इस संकट को अवसर में बदलने का आह्वान किया। गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने 2000 में आईटी क्षेत्र में और 2020 में कोविड संकट के दौरान भी अवसरों को पहचाना और उन्हें भुनाया।
गोयल ने कहा कि भले ही सोमवार को शेयर बाजार में गिरावट आई हो, लेकिन भारत की 3% की गिरावट अन्य देशों की 9% तक की गिरावट के मुकाबले बहुत कम है। उन्होंने इसे भारत की मजबूत आर्थिक नींव का संकेत बताया।
गौरतलब है कि चीन 2001 में WTO में शामिल हुआ था, जिसके बाद उसकी अर्थव्यवस्था में जबरदस्त वृद्धि देखी गई। लेकिन इसके साथ ही कई देशों में व्यापार घाटा, नौकरियों में गिरावट और औद्योगिक क्षेत्रों में मंदी जैसे दुष्प्रभाव भी सामने आए। अब इन असंतुलनों की ओर दुनिया का ध्यान लौट रहा है।






