Uttar Pradesh

काशी में मोरारी बापू की कथा से पहले विवाद, सूतक काल में मंदिर दर्शन को लेकर भी आक्रोश

अंशुल मौर्य

वाराणसी, 15 जून 2025:

अंतरराष्ट्रीय कथावाचक मोरारी बापू की कथा को लेकर वाराणसी में विवाद छिड़ गया है। पत्नी के निधन के तीन दिन बाद काशी पहुंचे मोरारी बापू के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन और कथा आयोजन को लेकर संत समाज व सनातन परंपरा के अनुयायियों में विरोध के स्वर उभर आए हैं। कुछ लोगों ने उनका पुतला भी फूंका।

मालूम हो कि शनिवार को मोरारी बापू ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक किया। मंदिर प्रशासन की ओर से उनका भव्य स्वागत करने के साथ उन्हें अंगवस्त्र व प्रसाद भेंट किया गया। इसके पश्चात वे रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे, जहां 22 जून तक रामकथा का आयोजन है।

विरोध करने वालों का कहना है कि सनातन परंपरा के अनुसार किसी परिजन के निधन के बाद सूतक काल मान्य होता है, जिसमें धार्मिक अनुष्ठानों और पूजन से परहेज किया जाता है। ऐसे समय में मोरारी बापू द्वारा दर्शन-पूजन करने और व्यासपीठ से कथा कहने का कई परंपरावादी संतों को अनुचित प्रतीत हुआ।

मोरारी बापू ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं वैष्णव परंपरा का साधु हूं। हमारे लिए भगवान की कथा और भजन ही सच्चा सुकून है, सूतक नहीं। इस पर विवाद करना अनुचित है। उधर, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सूतक काल में कथा कहना घोर निंदनीय है। मोरारी बापू को स्पष्ट करना चाहिए कि वह ब्रह्मनिष्ठ हैं, ब्रह्मचारी हैं या गृहस्थ, ताकि यह तय किया जा सके कि उन पर सूतक की मर्यादा लागू होती है या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button