नई दिल्ली, 5 मई 2025
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल की एक बात से लोगों व्दारा ऑनलाइन ट्रोल करने पर अब राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने इस मुद्दे पर हिमांशी का समर्थन किया है और कहा है कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ट्रोल करना सही नहीं है।हिमांशी नरवाल ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के निकट हुए आतंकवादी हमले के बाद लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने को कहा था। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। उन्होंने गुरुवार को कहा, “हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें।” उनके बयान के बाद, शहीद सेना अधिकारी की पत्नी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर ट्रोल किया गया।
एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में, एनसीडब्ल्यू ने उनके साथ हुई ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा की। उनकी टिप्पणी की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना का जिक्र करते हुए एनसीडब्ल्यू ने लिखा, “लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत के बाद, जिस तरह से उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की उनके एक बयान के संबंध में सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
आयोग ने माना कि यद्यपि उनकी टिप्पणियों से बहुत से लोगों का मन प्रभावित नहीं हुआ होगा, लेकिन असहमति व्यक्त करना “संवैधानिक सीमाओं” और नागरिक संवाद के भीतर ही रहना चाहिए।पहलगाम हमले के दौरान विनय नरवाल से उसका धर्म पूछने पर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इस घटना से राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया था।
एनसीडब्ल्यू ने कहा कि देश इस आतंकवादी कृत्य से “आहत और क्रोधित” है, लेकिन हिमांशी नरवाल को निशाना बनाने में संयम बरतने का आग्रह किया। उसने कहा, “किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ट्रोल करना सही नहीं है।”
आयोग ने नागरिकों को यह भी याद दिलाया कि “प्रत्येक महिला की गरिमा और सम्मान मूल्यवान है”, और राष्ट्रीय शोक के समय में भी रचनात्मक और सम्मानजनक अभिव्यक्ति का आह्वान किया।