
पटना, 7 जून 2025 – बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सक्रिय चर्चा जारी है। लोकसभा चुनाव के फार्मूले के अनुसार इस बार भी सीट बंटवारा होगा, जिसमें जदयू को बीजेपी से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है। पिछले चुनावों के प्रदर्शन और क्षेत्रीय व जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, जदयू लगभग 102-103 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जबकि बीजेपी को 101-102 सीटें मिल सकती हैं। बाकी लगभग 40 सीटें लोक जनशक्ति पार्टी, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा जैसे सहयोगी दलों में बांटी जाएंगी। इनमें से एलजेपी को सबसे बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि उसके राज्य में पांच सांसद हैं। एलजेपी को लगभग 25-28 सीटें, हम को 6-7 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें दी जा सकती हैं।
जातीय समीकरण को खास महत्व दिया जा रहा है ताकि प्रत्येक जिले की विधानसभा सीटों में विभिन्न जातियों का उचित प्रतिनिधित्व हो। साथ ही, पिछले दो चुनावों में हारने वाली सीटों का आदला-बदली भी की जाएगी ताकि जीत की संभावना बढ़ सके। यदि किसी सीट पर बीजेपी लगातार दो चुनाव हार रही है तो वह सीट अन्य सहयोगी पार्टी को दी जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत को भी चुनावी रणनीति में अहम माना जा रहा है। एनडीए इस बात का आकलन कर रहा है कि विपक्ष नीतीश की सेहत को मुद्दा बनाएगा, लेकिन इससे अधिक विपक्ष को नुकसान होगा और एनडीए को सहानुभूति मिलेगी।
बिहार में चुनावी रणनीति हमेशा ही गठबंधन की सीटों के बंटवारे और जातीय समीकरण के इर्द-गिर्द घूमती रही है। पिछली बार 2020 में जदयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी इसी तरह जदयू को अधिक सीटों पर लड़ने का मौका मिल सकता है।
एनडीए गठबंधन की यह रणनीति बिहार में चुनाव जीतने के लिए निर्णायक मानी जा रही है, जो पार्टी के लिए महत्त्वपूर्ण राजनीतिक लड़ाई साबित होगी।






