
काठमांडू, 8 सितंबर 2025:
नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सरकार के लगाए गए प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का आक्रोश सोमवार को काठमांडू की सड़कों पर फूट पड़ा। बड़ी संख्या में छात्र और युवा ‘जेन-जी प्रोटेस्ट’ के तहत प्रदर्शन में शामिल हुए। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस को लाठीचार्ज, आंसू गैस और हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन तक पहुंचने की कोशिश की, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। कई लोग घायल हुए जिन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया। ‘हामी नेपाल’ संगठन ने मैतीघर में प्राथमिक चिकित्सा शिविर भी स्थापित किया है।
सरकार ने कई इलाकों में कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। राष्ट्रपति आवास शीतल निवास, नारायणहिती दरबार संग्रहालय, प्रधानमंत्री आवास बालुवाटर और संसद भवन क्षेत्र को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। स्थिति काबू में रखने के लिए सेना को भी तैनात कर दिया गया है।

यह विरोध तब शुरू हुआ जब सरकार ने गैरपंजीकृत पापुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने का आदेश दिया। सरकार के अनुसार इन प्लेटफॉर्म्स पर नफरत फैलाने वाली सामग्री परोसी जा रही थी। साइबर अपराध बढ़ रहे थे। हालांकि, युवाओं का कहना है कि यह निर्णय उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
सरकार ने कंपनियों को 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया था, लेकिन मेटा, अल्फाबेट, एक्स (पूर्व ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन जैसी बड़ी कंपनियों ने पंजीकरण नहीं कराया। इसके बाद गुरुवार से नेपाल में इन प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगा दी गई।






