अकरा, 1 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई से अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत पश्चिम अफ्रीकी देश घाना से करने जा रहे हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का तीन दशकों में पहला घाना दौरा होगा। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा से मुलाकात करेंगे, द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे। साथ ही, वह स्थानीय भारतीय समुदाय से संवाद भी करेंगे।
घाना भारत के लिए अफ्रीकी महाद्वीप में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में उभरा है। यह देश सोना, बॉक्साइट, लकड़ी, कोको और काजू जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों की आपूर्ति करता है, जबकि भारत बदले में फार्मा उत्पाद, मशीनरी, अनाज और वस्त्र निर्यात करता है। भारत अब तक घाना को 450 मिलियन डॉलर से अधिक की सहायता और रियायती ऋण प्रदान कर चुका है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3 बिलियन डॉलर के स्तर पर है, जिसमें 70 प्रतिशत से अधिक आयात सिर्फ सोने का है।
घाना दुनिया का छठा सबसे बड़ा सोना उत्पादक देश है और अफ्रीका में पहले स्थान पर है, लेकिन यह अवैध खनन की समस्या से भी जूझ रहा है, जिसे स्थानीय भाषा में “गैलामसी” कहा जाता है। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार सैन्य कार्रवाई भी कर रही है।
भारत और घाना के बीच संबंध 70 साल पुराने हैं। भारत ने घाना की स्वतंत्रता से पहले 1953 में अकरा में प्रतिनिधि कार्यालय खोला था और 1957 में राजनयिक संबंध स्थापित किए। आज, घाना में 15,000 से अधिक भारतीय रहते हैं, जिनमें से कुछ की चौथी पीढ़ी वहीं बस चुकी है।
पीएम मोदी की यह यात्रा कृषि, वैक्सीन सहयोग, रक्षा और डिजिटल साझेदारी जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खोल सकती है। घाना पश्चिम अफ्रीका में भारत के लिए एक रणनीतिक प्रवेश द्वार बन सकता है और यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों को नई ऊंचाई देने वाला साबित हो सकता है।