मुंबई, 07 जुलाई 2025:
महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी भाषा विवाद के बीच अब सियासत और भी गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने अपने विवादित बयान से इस मुद्दे को नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक तीखा पोस्ट करते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो उर्दू भाषियों को मारकर दिखाओ।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब महाराष्ट्र में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ कथित हमलों को लेकर राजनीतिक दलों में तीखी बयानबाज़ी चल रही है। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे जैसे नेता खुलकर क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति की बात कर रहे हैं, वहीं भाजपा इसे हिंदी भाषियों के खिलाफ भेदभाव मान रही है।
निशिकांत दुबे ने कहा, “हिंदी भाषी लोगों को मुंबई में मारने वाले यदि हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मारकर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर, खुद ही फैसला कर लो।” उन्होंने यह बात हिंदी और मराठी दोनों में पोस्ट की, जिससे संदेश स्पष्ट रूप से राज्य के स्थानीय समूहों को निशाना बनाता है।
इससे पहले भी दुबे ने भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता के मुद्दे को कश्मीरी पंडितों की त्रासदी से जोड़ते हुए कहा था कि जिस तरह कश्मीर में हिंदुओं को भगाया गया, उसी तरह अब मुंबई में हिंदी बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि दाऊद इब्राहिम और आतंकवादियों की तरह ही कुछ स्थानीय ताकतें हिंदी भाषियों के खिलाफ नफरत फैला रही हैं।
भाजपा के अन्य नेता, जैसे मंत्री नितेश राणे, पहले ही ठाकरे परिवार पर हिंदुओं को बांटने का आरोप लगा चुके हैं। राणे ने कहा था कि उर्दू बोलने वालों को हिंदी बोलने पर मजबूर किया जाना चाहिए।
भाषा को लेकर बढ़ते इस टकराव के बीच राज्य में सामाजिक और राजनीतिक तनाव और गहराने की आशंका जताई जा रही है।
विपक्ष ने इस बयान को “भड़काऊ और विभाजनकारी” बताया है, वहीं भाजपा ने इसे हिंदी भाषियों के आत्मसम्मान की लड़ाई बताया है।