नई दिल्ली, 25 मई 2025
बीते शनिवार 25 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की उच्च स्तरीय गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल ना होने से राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। वहीं नीतीश के इस बैठक में ना पहुचनें से विपक्षी ने उन पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है और कहा है कि यह एक गहरे राजनीतिक संदेश का संकेत है।
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक शनिवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में हुई। इस बैठक में देश भर के कई मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल और प्रशासक शामिल हुए और इसमें ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य@2047’ थीम के तहत विकास रणनीतियों पर चर्चा की गई।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद तारिक अनवर ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “नीती आयोग की बैठक में नीतीश कुमार का न आना महत्वपूर्ण है। वह डबल इंजन वाली सरकार में मुख्यमंत्री हैं और इस बैठक की अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की। उनका इस बैठक में न आना एक बड़ा राजनीतिक संदेश देता है।”
आरजेडी नेता मनोज झा ने भी चिंता जताते हुए कहा, “अगर रिपोर्ट सही है तो मैं इसे दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं। बिहार न तो ऑटोपायलट मोड में है और न ही पायलट मोड में। हम आए दिन लूट और हत्या की घटनाओं के बारे में सुनते रहते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का राष्ट्रीय विकास की अहम बैठक में शामिल न होना परेशान करने वाला है। मुझे तो यह भी नहीं पता कि उनकी जगह बिहार का प्रतिनिधित्व किसने किया।”
इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक विकास का आह्वान किया। उन्होंने भारत के तेजी से बढ़ते शहरीकरण के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए “भविष्य के लिए तैयार शहरों” के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। विकास, नवाचार और स्थिरता शहरी विकास के इंजन होने चाहिए।” “टीम इंडिया” की थीम पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें विकास की गति बढ़ानी होगी। अगर केंद्र और सभी राज्य एक साथ मिलकर एक टीम के रूप में काम करें, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।” प्रधानमंत्री ने राज्यों से पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया तथा सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य को कम से कम एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त पर्यटन स्थल विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा, “एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य हमारा मंत्र होना चाहिए। इससे न केवल उस स्थान का विकास होगा, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों का भी विकास होगा।”
लैंगिक समावेशन पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी नीतियों का आह्वान किया जो कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ायें। उन्होंने कहा, “हमें प्रगतिशील कानूनों और नीतियों के माध्यम से कार्यबल में महिलाओं का सम्मानजनक एकीकरण सुनिश्चित करना चाहिए।” नीति आयोग शासी परिषद की बैठक केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को विकसित भारत@2047 के विजन को आगे बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श करने और इस बात पर आम सहमति बनाने के लिए एक मंच प्रदान करती है कि कैसे राज्य भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आधारशिला बन सकते हैं।