नई दिल्ली, 28 मई 2025
नए पेंशन नियम के तहत अब सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ा झटका लगने वाला है। दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़ा एक अहम फैसला लिया है। जिसके अंतर्गत कहा गया है कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी या निष्कासन होते हैं तो भविष्य में उसको मिलने वाले सेवानिवृत्ति लाभ समाप्त हो सकते हैं। हालांकि, ऐसी बर्खास्तगी या निष्कासन का निर्णय संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा समीक्षा के अधीन होगा। कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
हाल ही में अधिसूचित केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम, 2025 के अनुसार, “किसी भी कर्मचारी को किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में शामिल किए जाने के बाद उसके किसी भी कदाचार के लिए सेवा से बर्खास्त या हटाने पर सरकार के अधीन की गई सेवा के लिए मिलने वाले सेवानिवृत्ति लाभ भी जब्त हो जाएंगे।” 22 मई को अधिसूचित नए नियमों में कहा गया है, “…और उसकी बर्खास्तगी, निष्कासन या छंटनी की स्थिति में उपक्रम का निर्णय, उपक्रम से प्रशासनिक रूप से संबंधित मंत्रालय द्वारा समीक्षा के अधीन होगा।”
पहले क्या था नियम :
इससे पहले, नियमों के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के कर्मचारी को ऐसे उपक्रम में शामिल करने के बाद, किसी भी बाद के कदाचार के लिए सेवा से बर्खास्त या हटाए जाने की स्थिति में सेवानिवृत्ति लाभों को जब्त करने की अनुमति नहीं थी। नये नियमों में आगे कहा गया है कि “भविष्य में अच्छे आचरण के अधीन पेंशन और पारिवारिक पेंशन” और “अनुकंपा भत्ता” जारी रखने या देने से संबंधित प्रावधान भी ऐसे बर्खास्त या छंटनी वाले कर्मचारियों पर लागू होंगे।
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 “रेलवे कर्मचारियों”, “आकस्मिक और दैनिक दर पर रोजगार में व्यक्तियों” और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफओएस) के अधिकारियों को छोड़कर, 31 दिसंबर, 2003 को या उससे पहले नियुक्त सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं।