Delhi

‘याचना नहीं अब रण होगा’ ऑपरेशन सिंदूर और भारत का दमदार संदेश

अनिता चौधरी

नयी दिल्ली,12 मई 2025:

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक और करारा प्रहार कर दुनिया को अपनी सैन्य ताकत और आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का स्पष्ट संदेश दिया है। इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंचा, जहां पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, लेकिन भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय सेना की तीनों टुकड़ियों ने इस अभियान के हर पहलू को देश के सामने रखा ।

राष्ट्र कवि दिनकर की ‘रश्मिरथी’ का जिक्र कर पाक का नापाक चरित्र बताया

उल्लेखनीय है कि 11 मई रविवार शाम को भी भारतीय सेना कि तरफ से इस ऑपरेशन में की गई थी जिसकी शुरुआत शिव तांडव के स्त्रोत से हुई थी और 12 मई को जब भारतीय सेना ने जब अपनी ब्रीफिंग ऑपरेशन को लेकर शुरू की तो वीर रस के कवि राष्ट्रकवि दिनकर की कविता ‘रश्मिरथी’ से हुई जिसमें श्री कृष्ण ने कौरवों को समझाते हुए कहा था हित वचन नहीं तुमने माना , मैत्री का मूल्य न पहचाना तो ले मैं भी अब जाता हूँ अंतिम संकल्प सुनाता हूँ , याचना नहीं अब रण होगा , जीवन जय या कि मरण होगा’। ये कृष्ण के वचन अधर्म के लिए था और पाकिस्तान भी कुछ ऐसा ही अधर्मी देश है । जो धर्म की कोई भी भाषा नहीं समझता है ।

ब्रीफिंग में एयर मार्शल बोले…पाकिस्तान ने रण का रास्ता चुनने की मजबूर किया

ब्रीफिंग की शुरुआत वायु सेना के एयर मर्शल अवधेश कुमार भारती ने रामायण की चौपाईयों से की। एयर मार्शल भारती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में तुलसीदास की रामचरितमानस की चौपाई “विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति।।” का भी जिक्र किया। रामायण में यह चौपाई उस प्रसंग से है, जब श्रीराम समुद्र से लंका जाने के लिए रास्ता मांगते हैं, लेकिन समुद्र तीन दिन तक उनकी विनती नहीं मानता। तब श्रीराम अपने धनुष-बाण उठाते हैं, जिससे समुद्र में भय पैदा होता है और वह रास्ता दे देता है। इस चौपाई का अर्थ है कि जब विनम्रता और आग्रह काम न आए, तो सम्मान और अनुशासन पैदा करने के लिए शक्ति का प्रदर्शन जरूरी हो जाता है। एयर मार्शल भारती ने अपनी ब्रीफिंग में पाकिस्तान को साफ संदेश दिया कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद शांति और कूटनीति का रास्ता अपनाने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की निष्क्रियता और आतंकवाद को समर्थन ने भारत को मजबूर किया कि वह “रण” का रास्ता चुने।

पाकिस्तानी मिराज विमान के मलबे को दिखाया, तुर्की व चीन के हथियारों की दुर्दशा बताई

एयर मार्शल ने कहा कि वायु रक्षा तैयारी दृढ़ और अभेद्य थी। इस अभेद्य तैनाती में भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना भारतीय सेना की तीन टुकड़ियां पूरी मजबूती के साथ बहुस्तरीय प्रणाली शामिल थीं। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी मिराज विमान के मलबे का वीडियो भी दिखाया, जो भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक था। हवाई रक्षा प्रणाली में लड़ाकू विमान और लंबी दूरी की मिसाइलें शामिल थीं । साथ ही सॉफ्ट और हार्ड-किल एंटी-यूएवी सिस्टम भी शामिल था जिसका उपयोग करके कई पाकिस्तानी ड्रोन और यूएवी को बेअसर किया गया। पाकिस्तान की तरफ से हर तरह के खतरों का मुकाबला किया गया। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से चीनी मूल की पीएल-15 जो हवा से हवा में मार करने वाली हाई टेक मिसाइल मिसाइलें कथित तौर पर लक्ष्य से चूक गईं और भारत कि एयर डिफेंस सिस्टम ने उसे निष्क्रिय कर दिया। लंबी दूरी के रॉकेट, आवारा युद्ध सामग्री और तुर्की मूल की याह्या को भी हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया। भारत ने पाकिस्तान के कोने-कोने में लक्षित हवाई हमले किए गए। जिसमें पाकिस्तान का नूर खान एयर बेस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ । साथ ही रहीमयार खान एयर बेस भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ ।

थल सेना ने सौ प्रतिशत परफार्मेंस दी

थल सेना की तरफ से जानकारी देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने अपना सौ फीसदी काम किया है । उन्होंने कहा कि आज की तारीख में आतंकी रणनीति बदल रही है । अब वो नागरिकों को निशाना बना रहे है जैसे कि 2014 में जम्मू के शिवखोरी और 2024 में श्रीनगर का पहलगाम हमला। उन्होंने बताया कि 9-10 मई को बहुस्तरीय वायु रक्षा ग्रिड ने ड्रोन हमले का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया और पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) के ड्रोन इस रक्षा ग्रिड को भेद नहीं पाए। dgmo लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने इस ऑपरेशन में बीएसएफ़ के योगदान की भी तारीफ की ।

नौ सेना इच्छानुसार हमला करने में सक्षम, पाकिस्तानी विमान प्रणालियां फंसी रह गईं

भारतीय नेवी की तरफ से जानकारी देते हुए वाइस एडमिरल ए. एन. प्रमोद, एवीएसएमने कहा कि
समुद्री सीमा पर भी भारतीय नौसेना ने लगातार दबाव बनाया हुआ था और समुद्री बलों द्वारा लगातार निगरानी की जा रही थी। इस ऑपरेशन में किसी भी तरह के खतरे को सामने आने पर उनका जवाब देने के लिए कई सेंसर और खुफिया इनपुट का इस्तेमाल किया गया । उन्होंने कहा कि भारतीय नैसेना अत्यंत उन्नत है और किसी भी हवाई लक्ष्य को बेअसर करने में सक्षम है । मिग-29K और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग फाइटर्स से लैस एयरक्राफ्ट कैरियर पूरी तरह से मुस्तैद थी जो दुश्मन के विमानों को आने से रोकने में सक्षम थीं । कोई भी शत्रु विमान भारतीय बेड़े के पास नहीं आ सकता था। बड़े से बड़े खतरे वाले वातावरण में भी एंटी-मिसाइल और एंटी-एयरक्राफ्ट रक्षा क्षमताओं से लैस हो कर अपना काम कर रहीं थीं । जबकि पाकिस्तानी विमान प्रणालियां मकरान तट पर फंसी हुई थीं, जो अपना कार्य सटीक तरह से करने में असमर्थ थीं। एडमिरल ए. एन. प्रमोद ने कहा कि नौसेना की समुद्री तट पर जबरदस्त उपस्थिति ने यह पूरे विश्व में ये संदेश दिया कि भारत आवश्यकता पड़ने पर अपनी इच्छानुसार हमला कर सकता है।

पहलगाम में धर्म पूछकर की गई हत्याओं के बाद भारत ने शुरू किया था ऑपरेशन सिंदूर

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। जिसमें धर्म पूछ कर पर्यटकों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 26 नागरिक, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, बेरहमी से मारे गए। यह हमला न केवल भारत की सुरक्षा के लिए खतरा था, बल्कि सामाजिक सौहार्द पर भी हमला था। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तोयबा से जुड़े एक आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली थी। आतंकवाद के खिलाफ ठोस कारवाई करते हुए भारत ने 6-7 मई की रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे और इस ऑपरेशन में मात्र 25 मिनट में 100 से अधिक आतंकी मारे गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button