
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 12 मार्च 2025:
काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकादशी की परंपरा को लेकर विवाद अभी शांत नहीं हुआ है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने एक बार फिर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मां गौरा और बाबा विश्वनाथ की प्रतिमा का मुंह ढंककर ले जाना काशी के इतिहास का काला दिन बन गया है।
पुलिस ने पालकी यात्रा को लेकर दी थी नोटिस
बता दें टेढ़ीनीम स्थित स्वर्गीय महंत के बेटे वाचस्पति तिवारी को पुलिस ने नोटिस देकर रंग भरी एकादशी के दिन पालकी यात्रा का आयोजन न करने के लिए नोटिस थमाई थी। इसके बाद विरोध होने पर पुलिस बैकफुट पर आ गई यात्रा तो निकली लेकिन प्रतिमाओं को कपड़ें से ढंक दिया गया। अब इसी मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर भाजपा सरकार को घेरा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने की तीखी प्रतिक्रिया,कहा- प्रतिमाओं का अपमान किया गया
अजय राय ने अपने एक्स अकाउंट पर कहा है कि कल काशी के इतिहास का काला दिन था जब बाबा विश्वनाथ और माँ गौरा की प्रतिमा का मुंह ढंककर महंत आवास से काशी विश्वनाथ मन्दिर ले जाया गया। शाम को जब रंगभरी की परम्परा निभाने की बारी आई तो अधिकारियों ने मन्दिर की मूर्ति को गर्भ गृह में विराजमान करा दिया और महंत आवास से आई प्रतिमा को सत्यनारायण मन्दिर में छोड़ दिया गया। विवाद बढ़ा और विरोध शुरू हुआ तो महंत आवास से गयी प्रतिमा को गर्भ गृह में जमीन पर रख दिया गया। काशीवासियों की तीन सौ साल पुरानी परम्परा तो बची लेकिन बाबा की प्रतिमा का यह अपमान क्यों? इस सवाल का जवाब हर काशी वासी मांग रहा
महंत किशन दीक्षित ने कहा-आस्था से खिलवाड़ किया गया
वहीं सपा नेता एवं महामृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित ने भी इसे इतिहास में एक काला धब्बा बताया है। किशन दीक्षित ने आगे कहा है कि यह घटना न केवल काशी की परंपराओं का अपमान है, बल्कि यह भगवान विश्वनाथ की भक्ति और आस्था के साथ भी खिलवाड़ है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या यह घटना काशी की परंपराओं और आस्था के साथ खिलवाड़ करने की एक साजिश है? इस सवाल का जवाब हर काशी वासी मांग रहा है।