
नागपुर, 29 जून 2025
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने कहा कि बीआर अंबेडकर का मानना था कि पूरे देश के लिए एक संविधान होना चाहिए, तभी देश एकजुट होगा। गवई ने स्पष्ट किया कि अंबेडकर ने कभी किसी राज्य के लिए अलग संविधान के विचार का समर्थन नहीं किया। गवई ने महाराष्ट्र के नागपुर में ‘संविधान प्रस्तावना पार्क’ का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ‘एक राष्ट्र-एक संविधान’ की अवधारणा से प्रेरित है, जिसकी अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले का समर्थन करते हुए आशा व्यक्त की थी। गवई पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा था।
उसी को याद करते हुए उन्होंने कहा, “जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया, तो यह मुद्दा हमारे सामने आया। सुनवाई के दौरान, मुझे बाबासाहेब के शब्द याद आए कि पूरे देश के लिए एक संविधान होना चाहिए। देश को एकजुट रखने के लिए एक संविधान होना चाहिए।” उन्होंने स्पष्ट किया, “कई लोगों ने इन भावनाओं के लिए अंबेडकर की आलोचना की, कहा कि यह संविधान संघवाद का समर्थन करता है और युद्ध के समय पूरा देश एक साथ नहीं हो सकता है।
लेकिन बाबासाहेब ने कहा कि यह संविधान सभी समस्याओं का समाधान प्रदान करते हुए देश को एकजुट रखेगा,” गवई ने याद किया। पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि भारत चाहे जितनी भी समस्याओं का सामना करे, एकजुट है।






