नई दिल्ली, 2 जुलाई 2025
थाईलैंड की राजनीति में इस समय राजनीतिक हलचल काफी तेज है। बीते मंगलवार को थाईलैंड की सर्वोच्च अदालत ने युवा प्रधानमंत्री फत्तोंगथांग शिनावात्रा को एक फोन कॉल लीक होने के कारण निलंबित कर दिया। बता दे कि यह घटना उनके पड़ोसी देश कंबोडिया के नेता के साथ फोन कॉल से हुई। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सेना जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उनकी आलोचना की गई थी और अदालत ने इसे संविधान का उल्लंघन मानते हुए अस्थायी निलंबन का आदेश दिया था। अंतिम फैसला आने तक उन्हें सत्ता से दूर रहना होगा। अगर फैसला उनके खिलाफ जाता है तो फत्तोंगथांग को प्रधानमंत्री पद से हाथ धोना पड़ सकता है।
आखिर क्या हुआ था?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच पिछले कुछ समय से सीमा विवाद चल रहा है। इस मामले में दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ रहा है। इसी संदर्भ में शिनावात्रा की कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ फोन पर हुई बातचीत लीक हो गई। इसमें उन्होंने हुन सेन को चाचा कहकर संबोधित किया और अपने देश के हालात के बारे में बताया। इस मौके पर उनके इस बयान ने काफी विवाद खड़ा कर दिया कि थाई सेना के कमांडर उनके खिलाफ हैं।
रूढ़िवादी भूमिबोल अदुल्यादेज पार्टी शिनावात्रा की गठबंधन सरकार से अलग हो गई है, उसका आरोप है कि प्रधानमंत्री के फोन कॉल से देश की प्रतिष्ठा और सेना के सम्मान को ठेस पहुंची है। रूढ़िवादी सीनेटरों के एक समूह ने भी इस घटना को लेकर संवैधानिक न्यायालय में अपील की है। उन्होंने हाल ही में पेटोंगथॉर्न के खिलाफ मामला दायर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्होंने देश के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन किया है। मामले की सुनवाई करने वाली अदालत ने प्रधानमंत्री को निलंबित कर दिया।
इस बीच, कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन 2023 तक सत्ता में थे। उसके बाद, उन्होंने पद छोड़ दिया और उनके बेटे हुन मानेट ने सत्ता की बागडोर संभाली। हालांकि, हुन सेन एक ऐसे व्यक्ति हैं जो पद पर न रहते हुए भी कंबोडिया की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। थाई अरबपति और पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी शिनावात्रा ने पिछले साल अगस्त में पदभार संभाला था। वह 37 साल की उम्र में थाईलैंड के इतिहास में सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री और दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं।